राजनीति विज्ञान- प्रस्तावना दृश्य

Political science- a view short
Political science

 राजनीति विज्ञान- एक दृश्य में

प्रसिद्ध ग्रीक दार्शनिक अरस्तु ने 2400 वर्ष पूर्व स्पष्ट किया था कि समाज से बाहर कर आत्मनिर्भर जीवन जी सकने की बात करने वाला मनुष्य या तो देवता  हो सकता है या फिर पशु मनुष्य कभी नहीं। कारण यह है कि मनुष्य मूलतः एक सामाजिक प्राणी वह समाज में ही जन्म लेता है और समाज में ही अपना जीवन व्यापन करता है मनुष्य की अनेक आवश्यकताए है वह इन की पूर्ति अकेला नहीं कर सकता है इसके लिए उसे अन्य व्यक्तियों या समाज की आवश्यकता होती है, परंतु इसी के साथ साथ मनुष्य में स्वार्थ की प्रवृत्ति भी है सहयोग और स्वार्थ की यह दो प्रवृत्तियां समायोजन का आग्रह करती है । सुसंगठित समाज की स्थापना के लिए यह समायोजन आवश्यक ही नहीं अपरिहार्य है। इस सुसंगठित समाज को ही राज्य कहते हैं ।सुसंगठित समाज में एक सत्ता अथॉरिटी का होना आवश्यक है जिसे 'संप्रभू' कहते हैं। सुसंगठित समाज में मानव व्यवहार के कुछ सर्व- स्वीकृति मानदंड होने चाहिए। इन्हें 'विधियां' (Laws) कहते है। इनके पालन को सिनिश्चित करने वाली ओर इनके उल्लंघनकर्ताओं को दंडित करने वाली इकाई को 'सरकार' (Government) कहते है। इन इकाइयों के अभाव में उन उद्देश्यों की पूर्ति संभव नही है, जिनके लिए मनुष्य अपने को सुसंगठित आमज में संगठित करता है।
राजनीति विज्ञान संगठित मानव समाज के जीवन के एक विशिष्ट पहलुओं का अध्ययन है। प्रारंभ से लेकर मानव समाज संगठन और सभ्यता की ओर बहुमुखी प्रगति करता आ रहा है । राजनीतिक प्रगति इस प्रगति का एक पहलू है । राजनीति विज्ञान संगठित मानव समाज के जीवन के एक विशिष्ट पहलुओं का अध्ययन है। प्रारंभ से लेकर मानव समाज संगठन और सभ्यता की ओर बहुमुखी प्रगति करता आ रहा है । राजनीतिक प्रगति इस प्रगति का एक पहलू है और राजनीति विज्ञान इसी पहलू का अध्ययन और विश्लेषण करता है। इस विश्लेषण के आधार पर राजनीति विज्ञान कतिपय सिद्धांत निर्धारित करता है । जब हम यह कहते हैं कि राजनीति विज्ञान मानव समाज का एक विशेष दृष्टिकोण से अध्ययन करता है तो हमारा यह तात्पर्य है कि हम मानव समाज की उस संस्था का अध्ययन करते हैं जिसे राज्य कहते हैं।  आधुनिक विद्वानों में इस विषय पर मतभेद है कि इस विज्ञान के अंतर्गत किन किन चीजों का अध्ययन किया जाता है लेकिन इस बात पर सब विद्वान एक मत है कि इसके अध्ययन के केंद्र में राज्य है। कुल मिलाकर "राज्य और सरकार का मनुष्य के संदर्भ में अध्ययन करने वाला विषय राजनीति विज्ञान के लाता है"।
राजनीति विज्ञान- प्रस्तावना दृश्य राजनीति विज्ञान- प्रस्तावना दृश्य Reviewed by rajyashikshasewa.blogspot.com on 9:14 AM Rating: 5

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