1 |
चोली दामन का साथ
– (घनिष्ठ रिश्ता) – उन दोनों का साथ तो ऐसा मानो जैसे चोली दामन का साथ हो
। |
2 |
जंजाल में फसना
– (झंझट में फसना) – वह बेचारा तो जंजाल में फस गया है अब ववह हमारे लिए
समय कहाँ से निकले । |
3 |
चैन की बंशी बजाना
– (सुखी रहना) – वह तो बेचारा अपनी चैन की बंशी बजा रहा है । |
4 |
छठी का दूध याद आना
– (मुसीबत में फसना) – वह तो ऐसी मुसीबत में फसा है कि से तो छठी का दूध
याद आ गया होगा । |
5 |
चूड़ियाँ पहनना
– (औरतों की तरह कायर होना) – तुम तो कायर हो तुम्हे चूड़ियाँ पहन लेनी
चाहिएँ । |
6 |
छाती पर पत्थर रखना-(चुपचाप दुख सहना)-उसने अपनी छाती पर पत्थर रखकर सारे दुखों को शांत किया
है । |
7 |
चुटिया हाथ में होना
– (काबू में होना) – तुम उससे क्या कहोगे उसकी तो चुटिया किसी के हाथ में
है । |
8 |
छू मंतर होना
– (भाग जाना) – बड़े भाई को देखते ही श्याम छू मंतर हो गया । |
9 |
चिकनी चुपड़ी बातें
करना – (मीठी बातें करके धोखा देना) -ये चिकनी चुपड़ी बातें मत करो मैं इन
में नहीं आने वाला । |
10 |
छान बीन करना
– (जाँच पड़ताल करना) – छान बीन करने पर भी पुलिस वालों को चारी का कोई
सुराग नहीं मिला । |
11 |
चार दिन की
चांदनी – (थोडा सुख) – भाई तुम इतना घमंड मत करो यह तो चार दिन की चांदनी
है । |
12 |
छाती पर मूंग दलना
– (किसी से दुःख की बात कहना) – पता नहीं तुम यहाँ से कब जाओगी तुम मेरी
छाती पर मूंग दलती रहूंगी । |
13 |
चादर तान कर सोना
– (बेफिकर होकर सोना) – मेरा सारा बोझ उतर गया अब तो मैं चादर तान कर
सोऊंगा । |
14 |
छक्के छुड़ाना
– (हिम्मत तोडना) – अंग्रेजी का प्रश्न पत्र इतना कठिन आया था कि
अच्छे-अच्छे विद्यार्थियों के छक्के छूट गए । |
15 |
चाँदी होना
– (लाभ होना) – अगर हमारा काम चल गया तो हमारी चाँदी ही चाँदी है । |
16 |
चैपट करना
– (पूरी तरह नष्ट करना) – उसने तो मेरा बना बनाया काम चैपट क्र दिया । |
17 |
चप्पा-चप्पा छान मारना
– (सब जगह ढूँढना) – सब लोग चप्पा-चप्पा छान मरो राम कहीं न कहीं तो मिलेगा
। |
18 |
चौकड़ी भरना
– (छलाँगें लगाना) – हिरन चौकड़ी भरते ही कहाँ से कहाँ पहुंच जाते हैं । |
19 |
चाँदी का जूता मरना
– (रिश्वत देना) – इस जमाने में जिसे चाँदी का जूता मारा जाता है वही हमारा
गुलाम बन जाता है । |
20 |
चौदहवी का चाँद –
(सुंदर होना) – उस लडकी को तो देखो मानो चौदहवी का चाँद हो । |
21 |
चल निकलना – (जम
जाना) – अपने हमें हमेशा याद आते हैं लेकिन वो हम ही से दूर चल निकलने में सोचते
भी नहीं हैं । |
22 |
चोटी का पसीना एडी तक
आना – (बहुत परिश्रम करना) – उसने पैसे कमाने में चोटी का पसीना एडी यक लगा
दिया । |
23 |
चक्कर में डालना
– (परेशान करना) – उसने मुझसे कुछ कहा लेकिन मैं उसका जवाब न सोच सका जिस
वजह से मैं चक्कर में पड़ गया । |
24 |
चहरे पर हवाईयाँ उड़ना- (घबरा जाना)- जब मुझे किसी की परछाई दिखी तो मेरे चहरे की हवाईयाँ उड़
गयीं । |
25 |
चंगुल में आना
– (वश में आना) – जब वो मेरे चंगुल में फस जायेगा तब में उसे देखूंगा । |
26 |
चूना लगाना
– (धोखा देना) – उसने मुझ से मुनाफे की बात की पर मुनफे के नाम पर वह मुझे
चूना लगा गया । |
27 |
चार चाँद लगाना
– (शोभा बढ़ाना) – मेरे मित्रों के उत्सव में शामिल होने से उत्सव में चार
चाँद लग गए । |
28 |
चींटी के पर निकलना
– (घमंड करना) – तुम बहुत उड़ने लगे हो ऐसा मानो जैसे चींटी के पर निकल आये
हों । |
29 |
चुल्लू भर पानी में
डूब मरना – (लज्जित होना) – अपनी माता जी को गाली देने के अपराध में उसे
चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए । |
30 |
चिराग तले अँधेरा
– (खुद बुरा होकर दूसरों को उपदेश देना) – शं दूसरों को समझता फिरता है
लेकिन खुद के घर में चिराग तले अँधेरा है । |
31 |
घर का भेदी लंका ढाए
– (आपसी फूट से भेद खुलना) – एक व्यक्ति पहले कांग्रेस में था अब जनता
पार्टी में है तो सही कहते हैं घर का भेदी लंका ढाए । |
32 |
चार चाँद लगाना
– (शोभा बढ़ाना) – मेरी शादी में आकर तुमने चार चाँद लगा दिए । |
33 |
घास खोदना
– (व्यर्थ समय गँवाना) – तुम लोग ये घास खोदना बंद करो और घर के काम में
हाथ बटा लो । |
34 |
चादर से बाहर पैर
पसारना – (आमदनी से ज्यादा खर्च करना) – तुम चादर से बाहर पैर मत पसारो अगर
तुमने ऐसा किया तो बाद में तुम बहुत पछताओगे । |
35 |
घर फूंककर तमाशा देखना
– (अपना ही नुकशान करके खुश होना) – तुमने अपने मजे के लिए एक तो घर फूंक
दिया और तमाशा देख रहे हो । |
36 |
चाँदी का जूता
– (काला धन) – जब आयकर विभाग वालों ने अभ्य के घर छापा मारा तो वहाँ से
बहुत चाँदी का जूता मिला । |
37 |
घुटना टेक देना- (हार मानना) – भरतीय लोगों ने विदेशियों को इतना सताया की उन्होंने अपने
घुटने टेक दिए । |
38 |
चलती चक्की में रोड़ा
अटकना – ( बाधा उत्त्पन्न करना) – वह गया तो था काम करने के लिए लेकिन क्या
करें जब चलती चक्की में रोड़ा ही अटक गया । |
39 |
घर का न घाट का
– (बेकार) – अभी की नौकरी तो छूटी उसके माँ-बाप ने भी घर से निकाल दिया वह
तो न घर का रहा न घाट का । |
40 |
चाँदी काटना
– (बहुत पैसे कमाना) – खेती में वे खूब चाँदी कट रहे हैं । |
41 |
घोड़े बेचकर सोना
– (निशिंचित होना) – बेटी तो ब्याह दी अब क्या , घोड़े बेचकर सोओं । |
42 |
चक्कर में आना
– (धोखा खाना) – मेरी मत मरी गई थी जो मैं उसके चक्कर में आ गया । |
43 |
गुलछर्रे उड़ाना
– (मौज करना) – तुम किसी और की सम्पत्ति पर गुलछर्रे कैसे उदा सकते हो । |
44 |
चण्डाल चौकड़ी
– (बुरे लोगों का समूह) – उसे अपनी चण्डाल चौकड़ी में ही मजा आता है वह घर
क्यूँ आएगा । |
45 |
गला फँसाना
– (बंधन में पड़ना) – दूसरों के मामले में हमे कभी गला नहीं फँसाना चाहिए । |
46 |
चकमा देना
– (धोखा देना) – ठग दुकानदार को चकमा देकर हार उठाकर ले गए । |
47 |
गर्दन पर छुरी फेरना
– (अत्याचार करना) – तुम उस बेकसूर के गर्दन पर छुरी मत फेरों ऐसा करने से
कोई लाभ नहीं होगा । |
48 |
चिकना घडा होना –
(बेशर्म होना) – भावना को चाहे जितना भी डाटो , परन्तु वह तो चिकना घडा है । |
49 |
गोबर गणेश – (मूर्ख होना) – तुम उसे कुछ
नहीं समझा सकते वह तो गोबर गणेश है । |
50 |
घर सिर पर उठाना
– (बहुत शोर मचाना) – बच्चों ने तो घर सिर पर उठा लिया था । |
51 |
गूलर का फूल
– (दुर्लभ व्यक्ति) – तुम उससे क्या लड़ोगे वह तो बिचारा गूलर का फूल है । |
52 |
घाव पर नमक छिडकना
– (दुखी को और दुखी करना) – एक तो उसका भाई मर गया है और उपर से तुम उसके
घाव पर नमक छिडक रहे हो । |
53 |
गाल बजाना – (डींग मरना) – सुमन को देखो
वह तो अपने घर वालों के बारे में हमेशा गाल बजती रहती है । |
54 |
घड़ी में तोला घड़ी में
माशा – (अस्थिर व्यक्ति) – तुम किस के पीछे हो वह तो घड़ी में तोला घड़ी में
माशा की तरह का व्यक्ति है । |
55 |
गर्दन पर सवार
होना – (पीछे पड़ना) – सोनू तो आज मेरी गर्दन पर सवार होकर ही रहेगा । |
56 |
घुला-घुला कर मरना
– (सताकर मारना) – रामू ने अपने दोस्त को घुला-घुला कर मारा । |
57 |
गर्दन उठाना
– (विरोध करना) – तुम हर फैसले पर गर्दन मत उठाया करो यह अच्छी बात नहीं है
। |
58 |
घाट – घाट का पानी
पीना – (अनुभवी होना) – तुम उसे जानते नहीं हो वह तुम्हे पहचान लेगा उसने
तो घाट-घाट का पानी पिया है । |
59 |
गंगा नहाना
– (बड़ा कार्य करना) – मेरी बेटी की शदी हो गई है मानो मैंने तो गंगा नहा ली
है । |
60 |
घी के दिए जलाना
– (खुशी मनाना )- श्री रामचन्द्र जी ने जब अयोध्या में प्रवेश किया तो जनता
ने घी के दिए जलाकर उनका स्वागत किया । |
61 |
गोली मरना
– (उपेक्षा से त्याग देना) – बेकार की बातों को गोली मारो और अपने कम पर
ध्यान दो । |
62 |
घड़ों पानी पड़ना
– (बहुत लज्जित होना) – बड़े भाई के रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने पर उस घड़ों
पानी पद गये । |
63 |
गाजर मूली समझना
– (छोटा समझना) – हम अपने दुश्मनों को गाजर मूली समझते हैं । |
64 |
गले मढना
– (जबरदस्ती काम करवाना) – इस बेवकूफ को भगवान ने मेरे गले क्यूँ मढ़ दिया । |
65 |
गुड गोबर करना
– (बना हुआ काम बिगाड़ देना) – मैने उसे बहुत समझकर तैयार किया था लेकिन
तुमने सारा गुड गोबर कर दिया । |
66 |
गला घोंटना
– (दुःख देना) – आजकल तो सरकार भी गरीबों का गला घोट रही है । |
67 |
गांठ बंधना –
(याद रखना) – पिताजी की बात गांठ बांध लो नहीं तो बादमें बहुत पछताओगे । |
68 |
गर्दन झुकाना – (लज्जित होना) – मेरे
सामने आते ही उसकी गर्दन झुक गई । |
69 |
गड्ढे खोदना – (शाजिस
करना) – जो लोग दूसरों के लिए गड्ढे खोदते हैं वो उसमें खुद गिरते हैं । |
70 |
गेंहूँ के साथ घुन
पिसना – (दोषी के साथ निर्दोष पर भी समस्या आना) – जब उसका साथ रहेगा तो
गेंहूँ के साथ घुन तो पिसना ही था । |
71 |
गागर में सागर भरना –
(कम शब्दों में अधिक कहना) – स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमन्त्री जी
का भाषण गागर में सागर था । |
72 |
गीदड़ धमकी
– (दिखावटी धमकी देना) – तुम पर लड़ना नहीं आता ये गीदड़ धमकी किसी और को
देना । |
73 |
खून सफेद हो जाना –
(दया न रह जाना) – उसका अब खून सफेद हो गया है वह अब तुम्हारी जज्बाती
बातों को समझ नहीं पाएगा । |
74 |
गज भर की छाती होना
– (बहादुर होना) – उस वीर योद्धा को तो देखो उसकी गज भर की छाती है । |
75 |
खून का घूँट पीना –
(क्रोध को अंदर ही अंदर सहना) – उसने इतनी जली कटी सुनाई लेकिन वह तो खून
का घूंट पीकर रह गया । |
76 |
गले का हार
– (बहुत प्रिय) – सोहन अपने माँ-बाप के गले का हार है । |
77 |
खालाजी का घर – (आसन
काम) – यह काम तो मेरे लिए खाला जी के घर के बराबर है । |
78 |
गत बनाना
– (पीटना) – सुरेश अब तो लखन को गत बनाना बंद करो । |
79 |
ख्याली पुलाव पकाना –
(असंभव बातें सोचना) – कुछ काम भी करना है या बस ख्याली पुलाव ही पकाओगे । |
80 |
गोलमाल करना
– (गडबड करना) – कुछ लोग आफिस में कई दीनों से गोलमाल क्र रहे थे आज वो
पकड़े गये । |
81 |
खून खौलना – (क्रोधित
होना) – जब द्रौपदी का अपमान हुआ था तब भीम का खून खौलने लगा था । |
82 |
गोटी लाल होना
– (लाभ होना) – तुम्हे क्या फर्क पड़ता है तुम्हारी गोटी तो लाल हो रही है
ना । |
83 |
खुशामदी टटूट होना –
(चापलूस होना) – तुम्हारा क्या है तुम तो खुशामदी टटूट हो किसी न किसी तरह
अपना काम बना ही लोगे । |
84 |
गुल खिलाना
– (अनोखे काम करना) – तुमने एन मौके पर ऐसा गुल खिला दिया । |
85 |
खाक में मिल जाना –
(नष्ट हो जाना) – अगर भगवान की बुराई करोगे तो खाक में मिल जाओगे । |
86 |
गिरगिट की तरह रंग
बदलना – (जल्दी विचार बदलना) – लक्ष्मण की बात का क्या भरोषा वह तो गिरगिट
की तरह रंग बदलता है । |
87 |
खबर लेना – (दंड
देना) – सोनू तुम्हारी बहुत शिकायत आ रही है मैं तुम्हारी खबर लूँगा । |
88 |
गहरी छनना –
(पक्की दोस्ती होना) – इन दोनों राम और श्याम में गहरी छन रही है । |
89 |
खून का प्यासा –
(कट्टर शत्रु) – बदले की भावना मनुष्य को खून का प्यासा बना देती है । |
90 |
गुदड़ी का लाल –
(गरीब परिवार में जन्मा गुणी व्यक्ति) – लालबहादुर शास्त्री गुदड़ी के लाल
थे । |
91 |
काट खाना – (अकेलेपन
का अहसास होना) – अब घर का ये सूनापन काटने को दौड़ता है । |
92 |
गड़े मुर्दे
उखाड़ना – (पुरानी बातें याद करना) – मेरी दीदीजी हर बात में गड़े
मुर्दे उखाड़ने लगती हैं । |
93 |
किताब का कीड़ा – (हर
समय पढ़ते रहना)- तू पास होते हो पर हर वक्त किताबी कीड़े की तरह लगे रहते
हो । |
94 |
खून सूखना – (डर
जाना) – भूत को देखते ही उसका खून सूख गया । |
95 |
काया पलट होना –
(बिल्कुल बदल जाना) – पहले वे क्या थे और अब तो उनकी काया ही पलट हो गई । |
96 |
खिचड़ी पकाना – (गुप्त
रूप से षड्यंत्र रचना) – मुझे आखिर समझ नहीं आता की इन दोनों में क्या
खिचड़ी पक रही है । |
97 |
कागज काले करना –
(व्यर्थ लिखना) -तुम पढाई में ध्यान दो व्यर्थ कागज काले करने छोड़ दो । |
98 |
खटाई मेँ पड़ना – (टल
जाना) – आज यह काम नहीं होगा यह काम तो अब खटाई में ही पड़ेगा । |
99 |
कलेजा छलनी होना – (बहुत दुःखी होना)-अपनी बहन द्वारा ऐसी बातें सुनकर उसका कलेजा छलनी हो गया । |
100 |
खेत आना – (लड़ाई में
मारा जाना) –के युद्ध में पाकिस्तानी सेना के हजारो सैनिक खेत आये । |
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