Creamy Layer |
सम्पन्न वर्ग [Creamy Layer]
इन्दिरा साहनी के बाद (Case) में 16 नवम्बर, 1992 को सर्वोच्च न्यायालय ने अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 27% आरक्षण तो स्वीकार कर लिया परन्तु इस शर्त पर कि इन वर्गों के सम्पन्न वर्गों को इस आरक्षण से वंचित रखा जाये।
सम्पन्न वर्ग या 'क्रीमी लेयर' (Creamy Layer) का अभिप्राय पिछड़े वर्ग के ऐसे सदस्यों से है जो सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में आ चुके है।
इसके अन्तर्गत पिछड़े वर्गों के वे सभी लोग सम्मिलित हैं जिनका व्यापक विकास हुआ है। क्रीमी लेयर में किसी व्यक्ति/वर्ग को सम्मिलित करने का आधार आय के स्त्रोत (Criteria of Income)निश्चित स्थिति (Definite Status) तथा सामाजिक विस्तार की स्थिति को माना गया।
प्रसाद समिति (Prasad Committee)
क्रीमी लेयर की पहचान के लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर भारत सरकार ने न्यायमूर्ति आरएनप्रसाद (पटना न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश) की अध्यक्षता में क्रीमी लेयर विशेषज्ञ की समिति गठन में गया। इस समिति का समिति गठित इस का फरवरी, 1993 किया गया। इस समिति का उद्देश्य भारत में पिछड़े वर्गों के समृद्ध और सम्पन्न लोगों/वर्गों की एक सूची तैयार करनी थी। प्रसाद समिति ने एक पखवाड़े में यह मानक सूची तैयार कर दी। समिति की सभी सिफारिशों को सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया गया।
क्रीमी लेयर की परिभाषा के अनुसार अशांकित व्यक्तियों/वर्गों को इसमें सम्मिलित किया गया है। इसका आशय यह हुआ कि इन वर्गों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। ये व्यक्ति/वर्ग हैं।
(1) संवैधानिक पदों, जैसे- भारत के राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश, संघ राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों, मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा भारत के सम्प्रेषक और महालेखा परीक्षक आश्रितों (पुत्र, पुत्रीपत्ली) को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।
(2) माता-पिता में से यदि कोई एक प्रथम श्रेणी का राजपत्रित अधिकारी हो तो उनके आश्रितों को आरक्षण नहीं प्राप्त होगा;
(3) दोनों अभिभावक द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी हों;
(4) अभिभावकों में से कोई या दोनों सेना में कर्नल पद या उससे ऊपर के पद पर हों अथवा नौसेना या वायुसेना या अर्ध सैनिक बलों में इसके समकक्ष पद पर हों;
(5) जिन परिवारों के स्वामित्व में राज्य भूमि हदबन्दी कानून (State Land Ceiling Act) के अन्तर्गत अधिकतम 85% भूमि सिंचित हो;
(6) जिन व्यक्तियों की सकल वार्षिक आय (वेतन या कृषि भूमि से होने वाली आय को छोड़कर) एक लाख रुपये या इससे अधिक हो;
(7) जिन व्यक्तियों के पास लगातार संपत्ति कर कानून में निर्धारित संपत्ति से अधिक संपत्ति हो।
वर्तमान समय में 'क्रीमी लेयर' में पिछड़े वर्ग के उन सदस्यों को शामिल किया जाता है जिनकी वार्षिक आय 6 लाख से अधिक है।
राजनीति विज्ञान- सम्पन्न वर्ग [Creamy Layer]
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9:35 PM
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