हिन्दी - मुहावरे [ HINDI - IDIOMS ] - 08

HINDI - IDIOMS
हिन्दी - मुहावरे

हिन्दी - मुहावरे

1 ढेर करना – (मार डालना) – बलराम ने अपने विरोधियों को ढेर कर दिया ।
2  तह -पर-तह देना – (खूब खाना) – कुंभकर्ण को खूब तह पर तह दिया जाता था क्योंकि वह बहुत विशाल था ।
3 ढाक के तीन पात – (हमेशा एक जैसा रहना) – मैंने जब भी उसे देखा है ढाक के तीन पात ही पाया है ।
4  त्राहि-त्राहि करना – (बचाव के लिए गुहार करना) – जब से जमींदार किसानों पर अत्याचार करने लगे हैं तब से किसान त्राहि-त्राहि करने लगे हैं ।
5 डूब मरना – (शर्म से झुकना) – तुमने ऐसा काम किया है की तुम्हे डूब मरना चाहिए ।
6 तिनके का सहारा – (थोडा सहारा) – हम जैसे गरीबों के लिए तो तिनके का सहारा ही बहुत होता है ।
7 डंका बजाना – (घोषणा करना) – उसने नए नियमों का डंका बजा दिया ।
8 तारे गिनना – (इंतजार करना) – मैं उनके आने तक रात भर तारे गिनता रहा ।
9 डींग हाँकना – (बढ़ चढ़ कर कहना) – तुम डींगें हाँकना बंद करो हमें पता है तुम कैसे हो ।
10 ताक में रहना – (मौका देखना) – मैं बहुत दिनों से तुम्हारी ताक देख रहा हूँ ।
11 डेढ़ चावल की खिचड़ी अलग पकाना – (अलग होना) – अगर हम डेढ़ चावल की खिचड़ी अलग पकाएंगे तो लोग हमें अलग कर देंगे ।
12 तलवार के घाट उतारना – (मार देना) – श्रवण ने बहुत से द्रोहियों को अपनी तलवार के घाट उतार दिया ।
13 डंके की चोट पर कहना – (खुल्लम खुल्ला कहना) – वो बात जरूर सच होगी तभी तो डंके की चोट पर कही गई है ।
14 तख्ता उलटना – (बना हुआ काम बिगड़ना) – इस काम में मैने इतना कमाया था लेकिन तुमने दूसरा सौदा करके मेरा तख्ता उलट दिया ।
15 ठिकाने आना – (होश में आना) – जब उसे अपनी सचाई पता चली तो उसके होश ठिकाने आ गये ।
16 तूती बोलना – (प्रभाव जमाना) – आजकल तो आपकी ही तूती बोल रही है ।
17 ठठेरे-ठठेरे बदला – (समान बुद्धि वाले से काम करना) – मुझे यह काम सुभाष से करवाना था पर ठठेरे-ठठेरे बदला कैसे किया जाये ।
18 ढपोरशंख होना – (झूठा व्यक्ति) – तुम किशन से कुछ मत कहा करो वह तो ढपोरशंख व्यक्ति है ।
19 ठोकर खाना – (हानि सहना) – उसने रामू पर भरोसा किया और उसे ठोकर खानी पड़ी ।
20 ढील देना – (अपने वश में न रखना) – तुमने उसे बहुत ढील दे रखी है उसे अपने काबू में रखा करो ।
21 ठकुर सुहाती करना – (चापलूसी करना) – अफसरों की ठकुर सुहाती करके सेठजी ने बहुत धन कमाया है ।
22 ढिंढोरा पीटना – (सबको बताना) – उसने हमारी बातें सुन ली हैं वह तो सारे गाँव में ढिंढोरा पीत देगा ।
23 ठंढा करना – (शांत करना) – पिता जी गुस्से से उबल रहे थे बड़ी मुश्किल से उन्हें ठंडा किया है ।
24 ढाई दिन की बादशाहत – (कम समय का सुख) – यह ढाई दिन की बादशाहत है कभ भी खत्म हो जएगी ।
25 टुकड़ों पर पलना – (दूसरों के पैसों पर जीना) – लक्ष्मी तो बेचारी दूसरों के टुकड़ों पर पलती है ।
26 डोरे डालना – (प्यार में फसाना) – सपना बहुत दीनों से रमेश पर डोरे दाल रही है ।
27 टाट उलटना – (आप को गरीब कहना) – उसने सारा लाभ कम कर टाट उलट दिया ।
28 डोरी ढीली करना – (बिना संभाले काम करना) – तुमसे बिना डोरी ढीली किये कोई काम नहीं होता क्या ।
29 टेढ़ी खीर होना – (मुश्किल काम) – कुत्ते की दुम को सीधा करना टेढ़ी खीर के समान है ।
30 डकार जाना – (हडप जाना) – सीताराम अपने भाई की सारी सम्पत्ति डकार गया ।
31 टांग अडाना – (दखल देना) – तुम लोगों को टांग अड़ाने के सिवा और कोई काम नहीं है ।
32 डुबते को तिनके का सहारा होना – (असहाय का कोई भी सहारा होना) – किसी कठिनाई में पड़ते हुए को तिनके का सहारा बहुत होता है ।
33 टाल – मटोल करना – (बहाने बनाना) – अगर तुम्हे मेरे पैसे नहीं देने तो मुझे कह दो टाल – मटोल करके मुझे परेशान मत करो ।
34 डंक मारना – (असहनीय बातें कहना) – तुम संध्या से बातें मत किया करो ह बातें नहीं कहती वह तो डंक मरती है ।
35 टस से मस न होना – (बिलकुल न हिलना) – मैंने उससे काम के लिए कहा था पर वह टस से मस नहीं हुआ ।
36 ठीकरा फोड़ना – (दोष लगाना) – जब उसे उसके बारे में सबकुछ पता चल गया तो वह उसका ठीकरा फोड़ने लगा ।
37 टका सा मुंह लेकर रह जाना – (शर्मिंदा होना) – जब समय काम करने से नाट गया तो उसके पिता जी टकसा मुंह लेकर रह गये ।
38 ठगा सा – (भौंचक्का सा) – जब उसे अपनी हानि के बारे में पता चला तो वह ठगा सा रह गया ।
39  टक्कर लेना – (मुकाबला करना) – भारतीय खिलाडियों का पाकिस्तानी खिलाडियों से टक्कर लेना आसन नहीं था ।
40 ठनठन गोपाल होना – (गरीब होना) – तुम उससे पैसे पाने की आशा क्र रहे हो पर इस समय तो वह खुद ही ठनठन गोपाल हुआ बैठा है ।
41 झोली भरना – (इच्छा से अधिक देना) – उसके पिता ने कन्यादान करते समय उसकी झोली भर दी ।
42 ठंडा होना – (शांत होना) – विदेशी सैनिक लक्ष्मीबाई की तलवार से वार खाकर ठंडे पद गये ।
43 झाड़ मारना – (डाँटना) – माँ ने थोड़ी सी बात पर उसे झाड़ मार दी ।
44 टेक निभाना – (वादा पूरा करना) – तुम्हे अपना टेक निभाना होगा तुम अब पीछे नहीं हट सकते ।
45 झाँसा देना – (धोखा देना) – लक्की ने मुझे झाँसा देकर मेरी किताब हथिया ली ।
46 टें-टें-पों-पों – (व्यर्थ शोर मचाना) – झगड़ा उन दोनों के बीच है तुम क्यूँ टें-टें-पों-पों मत करो ।
47 जिसकी लाठी उसकी भैंस – (बलशाली की जीत होती है) – आज हमे यहाँ पर सब कुछ पता लग जायेगा जिसकी लाठी उसकी भैंस होगी ।
48 टोपी उछालना – (अपमान करना) – सुखदेव ने सरे आम जयसिंह की टोपी उछाल दी ।
49 जूतियों में दाल बाँटना – (लड़ाई झगड़ा हो जाना) – यहाँ पर आने का कोई फायदा नहीं यहाँ पर तो जूतियों में दाल बंट रही है ।
50 टेढ़ी ऊँगली से घी निकालना – (आसानी से काम न होना) – जब कोई काम सीधे तरीके से न हो तो ऊँगली टेढ़ी करने में ही समझदारी है ।
51 जूतियाँ चटकाना – (मारे-मारे फिरना) – तुम्हे तो जूतियाँ चटकाना है लेकिन हमें तो बहुत काम करना होता है ।
52 टूट पड़ना – (हमला करना) – शिवाजी की सेना मुगल सेना पर टूट पड़ी ।
53 जी भर जाना – (ऊक जाना) – अब तुम्हारा इस खिलौने से जी भर चूका है ।
54 टाऍ- टाऍ फिस होना – (असफल होना) – उसकी योजना तो अच्छी थी पर वो टाएँ टाएँ फिस हो गई ।
55 जी चुराना – (काम से भागना) – तुम उससे काम करने के लिए मत कहा करो वह तो काम से जी चुराता है ।
56 टट्टी क ओट में शिकार करना – (छिपकर गलत काम करना) – आजकल के नेता टट्टी की ओट में शिकार खेलना अच्छी तरह से जानते हैं ।
57 जान पर खेलना – (मुसीबत का काम करना) – सर्कस में एक बच्चे ने अपनी जान पर खेल कर करतब दिखाए ।
58 टका सा जवाब देना – (मना करना) – मैंने अपने रिश्तेदारों से बहुत उमीद की थी पर उन्होंने मुझे टका सा जवाब दे दिया ।
59 जहर उगलना – (कडवी बातें करना) – सूरज बातें नहीं कर्ता वह तो जहर उगलता है ।
60 झगड़ा मोल लेना – (जानकर झगड़े में पड़ना) – तुम्क्युन झगड़ा मोल लेते हो उनकी तो आदत बन गई है झगड़ा की ।
61 जमीन आसमान का फर्क – (बहुत बड़ा अंतर) – सुजाता और सरोज में जमीन आसमान का अंतर है ।
62 झाड़ू फिराना – (सब बर्बाद करना) – मैंने बड़ी मुश्किल से वो काम किया था पर उसने मेरे बने बनाए काम पर झाड़ू फेर दिया ।
63 जबान पर चढना – (याद आना) – अचानक से उसकी जुबान पर करीना का नाम आ गया ।
64 झाड़ फेरना – (मान खत्म करना) – एक नीच व्यक्त ने तुमसे रिश्ता बनाकर तुम्हारी इज्जत पर झाड़ फेर दिया ।
65 जंगल में मंगल करना – (उजाड़ में चहल-पहल होना) – तुम उनकी चिंता मत करो उन्हें जंगल में मंगल करना आता है ।
66 झक मारना – (विवश होना) – तुम लोगों के पास झक मरने के शिवा कोई काम नहीं है पर हमें तो काम करना पड़ता है ।
67 जूतियाँ सीधी करना – (खुशामद करना) – अगर तुम्हे उन से अपना काम करवाना है तो उनकी जूतियाँ सीधी किया करो ।
68 जोड़-तोड़ करना – (उपाय सुझाना) – हम कोई न कोई जोड़ तोड़ करके इस मुसीबत का हल निकाल ही लेंगे ।
69 जीती मक्खी निगलना – (बिलकुल बेईमान होना) – वह तो जीती मक्खी को भी निगल जाता है और किसी को पता भी नहीं लगने देता ।
70 जूतियाँ चाटना – (चापलूसी करना) – राकेश तो तुम्हारी जूतियाँ चाटता फिरता है ।
71 जी नहीं भरना – (संतोष न होना) – तुम्हे इतना कुछ मिला है तब भी तुम्हारा जी नहीं भर रहा है ।
72 जी पर आ बनना – (मुसीबत में फँसना) – मैं तुम्हे कैसे बचाऊ यहाँ तो अपने ही जी पर आ बनी है ।
73 जहर का घूंट पीना – (क्रोध को रोकना) – उसने अपने भाई को बहुत जली कटी सुनाई पर वह जहर का घूंट पीकर रह गया ।
74 जी का जंजाल – (व्यर्थ का झंझट)- अब सोहन से क्या कहें वह तो हमारे जी का जंजाल बन चूका है ।
75 जलती आग में घी डालना – (झगड़ा बढ़ाना) – उनके बीच पहले से ही झगड़ा हो रहा था तुमने और जलती आग में घी दाल दिया ।
76 जान हथेली पर रखना – (जिनगी की पपरवाह न करना) – भारतीय सैनिक अपनी जान हथेली पर लेकर घूमते हैं ।
77 जमीन पर नाक रगड़ना – (माफ़ी माँगना) – मुकेश ने सुमेश के समने अपनी नाक जमीन पर रगड़ी ।
78 जान के लाले पड़ना – (संकट में पड़ना) – तुम उनसे क्या कहते हो उन्ही के जान के लाले पड़े हुए हैं ।
79 जबानी जमा खर्च करना – (काम करने की जगह बातें करना) – बस जबानी जमा खर्च मत करो कुछ काम भी कर लिया करो ।
80 जलती आग में तेल डालना – (झगड़ा बढ़ाना) – कुसुम से कोई बात मत किया करो उसे तो जलती आग में घी डालने की आदत है ।
81 जले पर नमक छिडकना – (दुखी को और दुखी करना) – ये गरीब लोग पहले से ही दुखी हैं अब उनके जले पर नमक मत छिडको ।
82 जबान में लगाम न होना – (बिना वजह बोलते जाना) – तुम उससे बात मत किया करो उसकी जबान में लगाम नहीं है ।
83 छाती ठोकना – (उत्साहित होना) – जब उसे नई साईकल मिली तो वह खुशी से छाती पीटने लगा ।
84 जलती आग में कूदना – (खतरे में पड़ना) – उनका क्या है उन्हें तो जलती आग में कूदने की आदत है ।
85 छोटे मुंह बड़ी बात करना – (अपनी औकात से ज्यादा कहना) – उस लडके ने तो छोटा मुंह बड़ी बात कर दी ।
86 जोर लगाना – (बल लगाना) – रावण ने बहुत जोर लगाया पर शिव धनुष को हिला न सका ।
87 छप्पर फाड़ कर देना – (बहुत लाभ होना) – जब भी भगवन देता है छप्पर फाड़ के देता है ।
88 जीवन दान बनना – (जीवनरक्षा करना) – डॉक्टरों की दवा रोगियों के लिए जीवनदान बन गई है ।
89 छीछालेदर करना – (बुरा हाल करना) – आज मोदी जी ने नेताओं की खूब छीछालेदर की ।
90 जी भर आना – (दया आना) – दुखियों को देखकर जिसका जी भर आये वही सच्चा इन्सान है ।
91 छाती पर साँप लोटना – (जलन होना) – दूसरे की तरक्की देखकर तुम्हारी छाती पर साँप लोटते हैं ।
92 जी की जी में रहना – (इच्छा पूरी न होना) – मैंने चाहा था की मै अपने सपनों को पूरा करूंगी पर मेरी जी की जी में रह गई ।
93 छठी का दूध याद आना – (बहुत कष्ट होना) – चार किलोमीटर तक पैदल चलने में दीनानाथ को छठी का दूध याद आ गया ।
94 जली कटी सुनाना – (बेयिजती करना) – सुमेश ने अपने छोटे भाई को बहुत जली कटी सुनाई ।
95 चम्पत होना – (गायब होना) – लोकेश ने मुझसे पैसे लिए थे पर जब उसे मैं दिख गया तो वह चम्पत हो गया ।
96 जमीन पर पैर न रखना – (घमंड करना) – वह इतना अमीर हो गया है कि जमीन पर पैर ही नहीं रखता ।
97 चमड़ी जाये पर दमड़ी न जाये – (बहुत कंजूस होना) – महेंद्र अपने बेटे को कपड़े भी नहीं देते वह तो यह मानता है की चमड़ी जाये पर दमड़ी न जाये ।
98 जमीन आसमान एक करना – (बहुत परिश्रम करना) – फसल अच्छी उगने के लिए सानों ने जमीन आसमान एक कर दिया ।
99 चंपत होना – (भागना) – चोर पुलिस को देखते ही न जाने कहाँ चंपत हो गया ।
100 जड़ उखाड़ना – (पूर्ण रूप से नष्ट कर देना) – भारतियों ने विदेशी लोगों की भारत से जड़ उखाड़ दी ।
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