विश्व के ऐसे स्थल जहाँ किसी प्राणी अथवा वनस्पति की अधिकता हो या निरंतर घट रही दुर्लभ प्रजातियां हों, जैव-विविधता के उस बिन्दु या तप्तस्थल Hotspots of biodiversity) कहलाते हैं।
दूसरे शब्दों, विश्व के ऐसे स्थल जहाँ बिना मानवीय हस्तक्षेप के पौधे एवं जीवजन्तु फलते-फूलते हैं। जहाँ पर अत्यधिक मात्रा में वनस्पति व जीव-जन्तुओं की प्रजाति में विविधता पायी जाती है। ऐसे स्थल -बिन्द जैव-विविधता के तप्त स्थल या उष्णा कहलाते हैं।
विश्व के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र, जो जैव-विविधता से संपन हैं जहाँ जैव-विविधता के प्रजातियों का विलुप्तीकरण तथा आवास विनाशीकरण की संभावना होती है जैव-विविधता के उष्ण बिन्दु हैं। हमारी पृथ्वी पर 12 मेगा जैव-विविधता वाले क्षेत्रों की पहचान की गयी है। जिसमें विश्व की जैवविविधता की 60-70% जातियाँ शामिल हैं। इन सेक्टर्स को मैगजीन सेन्टर्स कहते हैं। भारत इन देशों में से एक है-
(1) मैक्सिको, (2) कोलम्बिया, (3) ब्राजील, (4) पेरू, (5) इक्वेडोर, (6) जायेर , (7) मेडागास्कर, (8) इण्डोनेशिया, (9) मलेशिया, (10) भारत, (11) चीन, (2) आस्ट्रेलिया शामिल हैं।
भारतवर्ष के जैव-विविधता के तप्तस्थल (Hotspots of Biodiversity in India)
भारत में दो तप्तस्थल (Hotspot) पाये जाते हैं जिसमें से- . 1पूर्वी हिमालय (Eastern Himalaya), 2. पश्चिमी घाट (Westem Ghat) हैं। जिनमें बहुत अधिक पौधे (Plants), जन्तुएँ (Animals), कीट, (Insects), पक्षी (Birds), सरीसृप (Reptiles) आदि पाये जाते हैं। निरन्तर वनों के विनाश एवं बढ़ती मानवीय गतिविधियों के कारण पश्चिमी घाट की जैवविविधता को सर्वाधिक खतरा है।
उदाहरण- भारतवर्ष में अध्ययन किये गये पुष्पीय पौधों (Poweing plants) की 15000 प्रजातियों (Species) में से लगभग ,000 प्रजातियाँ (Speciesकेरल के पश्चिमी घाट (Western valeyof Kerala) में पायी जाती हैं। इसी प्रकार भारत में पाये जाने वाले कुल प्राणी-प्रजातियों (Animals species) में से लगभग एकतिहाई (One third or 1/3) प्राणी केरल के पश्चिमी घाट में पाये जाते हैं।
जीव विज्ञान- जैवविविधता के तप्त (प्रमुख) स्थल (Hotspots of Biodiversity)
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7:13 PM
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