हिन्दी - मुहावरे [ HINDI - IDIOMS ] - 05

HINDI - IDIOMS
हिन्दी - मुहावरे [ HINDI - IDIOMS ]

हिन्दी - मुहावरे

01  युग-युग – (दिनों तक) – महाभारत का युद्ध युग युग तक चला था ।
02  रीढ़ टूटना – (आधार खत्म होना) – बेटे के मरने से उसका तो मानो रीढ़ ही टूट गया हो ।
03  यश गाना – (तारीफ करना) – गुरु द्रोणाचार्य जी अर्जुन का यश गाते रहते है ।
04  रोम रोम खिलना – (बहुत खुश होना) – अपने परिवार से फिर मिलकर उसका तो रोम रोम खिल उठा ।
05  यश कमाना – (नाम कमाना) – लोगों को यश कमाने में बहुत साल लग जाते हैं लेकिन गवाने में एक पल नहीं लगता ।
06  रौनक जाना – (चमक खत्म होना) – बच्चों के चले जाने से घर की रौनक भी चली जाती है ।
07  मोटा आसामी – (अमीर आदमी) – सुनार तो आज के समय में मोटे आसामी हो गये हैं क्योंकि आजकल सब सोना बहुत खरीदते हैं ।
08  रोटी के लाले पड़ना – (खाने को तरसना) – अन्न जल उठने से उसको रोटी के लाले पड़ गये हैं ।
09  मन फट जाना – (फीका पड़ना) – लोगों को साथ देखकर कुछ लोगों के मन फट जाते हैं ।
10  रात दिन एक करना – (मेहनत करना) – लडकी का विवाह करने के लिए उसने रात दिन एक कर दिया ।
11  मांस नोचना – (परेशान करना) – उसने पीछे डोल डोल क्र मेरा तो मास ही नोच लिया है ।
12  रोंगटे खड़े होना – (डरना) – रात को आवाजें सुनकर उसके रोंगटे खड़े हो गये ।
13  मोहर लगा देना – (पुष्टि करना) – आजकल सब लोग बातों पर मोहर लगा दिया करते हैं ।
14  रंग लाना – (असर दिखाना) – कुछ ही वर्षों में लोगों के बीच महात्मा गाँधी ने रंग ला दिया था ।
15  मुंह उतरना – (दुखी होना) – शादी के टूटने की खबर से उसका मुंह उतर गया ।
16  रंग जमना – (तारीफ बढ़ाना) – मेरी शादी में मेरे दोस्त ने रंग जमा दिया ।
17  मुंह रखना – (मान रखना) – रिश्तेदारों ने अपने लोगों की बात का मान रख लिया ।
18  रंग उखड़ना – (मजा बिगड़ना) – दुर्घटना की वजह से सारे रंग उखड़ गये हैं ।
19  मुंह खून लगना – (घूस लेने की आदत पड़ना) – अगर शेर के मुंह खून लग जाये तो वह खतरनाक हो जाता है ।
20  युग धर्म – (समय से चलना) – युग धर्म ही इस प्रकृति की पहचान मानी जाती है ।
21  मिटटी का माधो – (बिलकुल मूर्ख) – वह दुनिया को बिलकुल नहीं जानता वह तो मिटटी का माधो है ।
22  यश मानना – (कृतज्ञ होना) – पंचाल ने यज्ञ करते समय यश मानने की गलती की थी ।
23  मेढकी को जुकाम होना – (अनहोनी होना) – पर्वत को उठाना मेंढकी को जुकाम होने के बराबर समझा जाता है ।
24  यश मिलना – (सम्मान मिलना) – युधिष्ठिर को उनकी बुद्धि की वजह से यश मिली थी ।
25  मैदान मारना – (जीत जाना) – उसने प्र्त्योगिता में सभी राज्यों से मैदान मार लिया ।
26  मुठभेड़ होना – (मुकाबला होना) – जब लुट्टन की शेर खां से मुठभेड़ हुई थी तो शेर खां को मुंह की खानी पड़ी ।
27  मुठ्ठी गरम करना – (घूस देना) – आजकल के ओफिसर बस अपनी मुठ्ठी गरम करने में लगे रहते हैं ।
28  मीन मेख करना – (बेकार तर्क) – तुम लोग मीन मेख करना बंद करो और जल्द से जल्द काम को पूरा करो ।
29  मुंह में लगाम न होना – (ज्यादा बोलना) – बबिता के मुंह मेलागम नहीं है वह बहुत ज्यादा बोलती है और फिर रूकती भी नहीं है ।
30  मोम हो जाना – (नर्म बनना) -लोगों को आजकल कोई नहीं समझ सकता कभी बहुत गुस्सा करते हैं और कभी मोम बन जाते हैं ।
31  मुंहमांगी मुराद पाना – (मन चाहा मिलना) – मुंहमांगी मुराद पाने के लिए बहुत मेहनत करनी पडती है ।
32  मर मिटना – (नष्ट होना) – पहले लोग एक दूसरे के लिए मर मिटने को तैयार रहते थे लेकिन आज एक दूसरे से बोलते भी नहीं हैं ।
33  मुंहतोड़ जवाब देना – (सबक सिखाना) – युद्ध में हिंदुस्तान ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था ।
34  मुंह ताकना – (दूसरों पर निर्भर) – हमे कभी भी किसी का मुंह नहीं ताकना चाहए हमें स्वंय के पैरों पर खड़ा होना चाहिए ।
35  मुंह की खाना – (लज्जित होना) – दुर्योधन जब हार गया तो उसे बुरी तरह मुंह की खानी पड़ी थी ।
36  मुंह पर कालिख पोतना – (कलंक लगना) – झूठी बातों की वजह से निर्दोष लोगों के मुंह पर कालिख पुत गई ।
37  मिटटी के मोल बिकना – (सस्ता होना) – सदर बाजार में वस्तुएं मिटटी के मोल बिकती हैं ।
38  मुंह छिपाना – (बेइज्जत होना) – कुकर्म करने की वजह से उसे अपना मुंह छिपाना पद रहा है ।
39  माथे पर बल पड़ना – (चहरे पर गुस्सा होना) – कोई भी गलत बात को सुनकर माथे पर बल ले ही आएगा ।
40  मिटटी खराब करना – (बुरी हालत करना) – पहलवानी में लुट्टन ने शेर कहाँ की मिटटी खराब क्र दी ।
41  मन मैला करना – (अप्रसन्न होना) – जब भी कोई शुभ काम होता है तो न जाने क्यूँ कमल का मन मैला हो जाता है ।
42 मक्खन लगाना – (चापलूसी करना) – मुन्सी मक्खन लगाकर मालिक सी अपनाकाम निकलवा लेता है ।
43  मन की मन में रहना – (इच्छा अधूरी रहना) – उसके बेटे की शादी पर उसकी मन में मन रह गई।
44  मौत का सिर पर खेलना – (मरने वाला) – रमेश के सिर पर मौत खेल रही है पता नहीं अगले दो पल में क्या हो जाये ।
45  मुँह में पानी भर आना – (जी ललचाना)- आइसक्रीम देखकर नीता के मुंह में पानी भर आया।
46  मैदान साफ होना – (बाधा न होना) – मैदान साफ होने की वजह से वे खेल आसानी से जीत गये ।
47  मगज खाना – (परेशान करना) – उसने सवाल पूंछ पूंछ क्र मेरा तो मगज ही खा लिया ।
48  मुंह मोड़ना– (विमुख होना– लोगों की बातों पर विश्वास करके उसने अपने सच्चे दोस्त से मुंह मोड़ लिया ।
49  मक्खी की तरह निकाल देना – (किसी को काम से अलग कर देना) – जब लोगों को लगा की अब  व्यक्तियों की जरूरत नहीं है तो उसने उसे मक्खी की तरह निकाल क्र फेंक दिया ।
50  मुंह में पानी भर आना – (लालच आना) – जब लोग मरीज के सामने मसालेदार खाने की बात क्र रहे थे तो मरीज के मुंह में पानी भर आया ।
51  भरी लगना – (असहय होना) – कमजोर व्यक्ति को जरा सा भर भी ज्यादा लगता है ।
52  मुंहदेखी कहना – (तारीफ करना) – वह किसी की सच्चाई नहीं जनता बस मुंहदेखी कहता रहता है ।
53 भैंस के आगे बिन बजाना – (मूर्ख आदमी को उपदेश देना) – अनपढ़ों को पढ़ाना भैंस के आगे बीन बजाने के बराबर है ।
54  मुंह काला करना – (बदनामी होना) – दुष्कर्मों की वजह से समाज ने लक्ष्मी का मुंह काला कर दिया ।
55  भाड़े का टट्टू – (पैसे लेकर काम करने वाला) – पैसों से कितने भी भाड़े के टट्टू खरीदे जा सकते हैं ।
56  मिटटी पलीद करना – (बुरी धस करना) – मेरे बने बनाए काम की तुमने मिटटी पलीद कर दी ।
57  भौंह चढ़ाना – (गुस्सा आना) – जब उसने विरोधी की बातें सुनी तो उसकी भौंह चढने लगीं ।
58  मारा मारा फिरना – (बुरी तरह घूमना) – जब अर्जुन की नौकरी चली गई तो वह मारा मारा फिरने लगा ।
59  भार उतारना – (ऋण से मुक्त होना) – उसने ऋण चूका के अपना भर उतार लिया ।
60  मशाल लेकर ढूँढना – (अच्छे से ढूँढना) – विराट कोहली जैसा खिलाडी हमें मशाल लेकर ढूंढने पर भी नहीं मिलेगा ।
61  भानुमती का पिटारा – (अलग अलग चीजों का पात्र) – संग्रहालय को भानुमती का पिटारा माना जाता हैक्योंकि वहाँ पर सभी प्रकार की वस्तुएं मिल जाती हैं ।
62  मन में लड्डू खाना – (व्यर्थ खुश होना) – जब उसे अपनी शादी का पता चला तो उसके मन में लड्डू फूटने लगे।
63  बहती गंगा में हाथ धोना – (दूसरे के काम से लाभ उठाना) -जब वह अपना काम करवाने गया था तो मैंने भी उसका काम बनता देख अपना भी काम बना लिया यह तो बहती गंगा में हाथ धोने वाली बात है ।
64 मजा किरकिरा होना – (रंग में भंग डलना) – जब पुलिस शराब खाने में आ गई तो शराबियों का मजा किरकिरा हो गया।
65  बेपेंदी का लोटा – (पक्ष बदलने वाला) – अनीता तो दोनों तरफ अपनी बातें सुनती है वह तो बेपेंदी के लोटे की तरह है ।
66  मुट्ठी गर्म करना – रिश्वत देना -आजकल कोई भी काम बिना मुट्ठी गर्म किये नहीं होता ।
67  बात का धनी होना – (वादे का पक्का होना) – कार्तिक तो बात का धनी है जो ख देता है पूरा करता है ।
68  मक्खी मारना – (निकम्मा होना) -वह तो बस मक्खी मरता फिरता है उसे कोई और काम आता ही नहीं ।
69  बाँछे खिल जाना – (बहुत खुश होना) – पवन को देखते ही उसके तो बाँछे खिल गये ।
70  भनक पड़ना – (खबर लगना) – अगर लूं को हमारे बुरे कामों के बारे में भनक भी पड़ गई तो बहुत बुरा होगा ।
71  बल्लियों उछलना – (बहुत खुश होना) – क्रिकट में जितने पर भारत के खिलाडियों ने बल्लियाँ उछाल दी ।
72  भेड़ियाधसान होना – (देखा -देखी करना) – तुम लोग क्यूँ लोगों के घर जा जाकर भेड़ियाधसान हो रहे हो होना वही है जो किस्मत में लिखा है ।
73  बछिया का ताऊ – (मूर्ख) – वह तो बछिया का ताऊ है जिस टहनी पर बैठा है उसी को काट रहा है ।
74  भीगी बिल्ली बनना – (सहमना) – वह तो दूसरे के सामने भीगी बिल्ली बन जाता है ।
75  बन्दर घुड़की – (बेकार धमकी देना) – तुम बन्दर घुड़की मत दिया करो तुम से कुछ नहीं होगा ।
76  भाड़ झोंकना – (समय बर्बाद करना) – उस पर भाड झोंकने के अलावा और कोई काम नहीं है ।
77  बोलती बंद करना – (बोलने नहीं देना) – मैंने गलत काम करने के लिए मना किया लेकिन वह नहीं माना तो मैंने उसकी बोलती बंद कर दी ।
78  भूत सवार होना – (बहुत क्रोध आना) – वह किसी की भी बात नहीं सुन रहा है उसके सिर पर तो बहुत सवार है ।
79 बे सिर पैर की बात करना – (बिन मतलब की बात करना) – तुम लोग बेसिर पैर की बातें करना छोड़ो और अपना अपना काम करो ।
80  भार उठाना – (उत्तरदायित्व लेना) – वह अपनी बहन का भर उठाकर आजतक उसे पूरा कर रहा है ।
81  बुखार उतारना – (गुस्सा करना) – सोहन के पिता ने खा की मैं दो मिनट में तेरा बुखार उतार दूंगा ।
82  भंडा फूटना – (राज खुलना) -सब लोगों के सामने ही उसका भंडा फूट गया ।
83  बासी कढ़ी में उबाल आना – (बुढ़ापे में जवानी की आशा करना) – आजकल लोगों में बासी कढ़ी में उबाल आने की बातें होती हैं ।
84  बगुला भगत – (छलने वाला) – भरत की मत पूछो वह उपर से सीधा है लेकिन अंदर से बगुला भगत है ।
85  बाल बाँका न होना – (हानि न होना) – संजना के प्रेमी ने उससे कहा की वह उसका बाल भी बाँका नहीं होगा ।
86  बिल्ली के गले में घंटी बंधना – (खुद को परेशानी में डालना) – जब लोग बिल्ली के गले में घंटी बाँधते रहते हैं ।
87 बात काटना -( बीच में बोलना) – छोटों को बड़ों की बात काटना उचित नहीं है ।
88  बाजार गर्म होना – (धंधा अच्छा चलना) – आजकल तो बाजार बहुत गर्म हो रहा है इसमें बहुत लोगों को बहुत लाभ मिल रहा है ।
89  बाजी ले जाना – (आगे निकलना) – मिल्खा सिंह ने दौड़ में बाजी ले ली ।
90  बाएँ हाथ का खेल – (आसान काम) – तुम लोग इसे बाएँ हाथ का खेल मत समझो यह बहुत मुश्किल काम है ।
91  बरस पड़ना – (क्रोध से बातें सुनाना) – शिवानी मुझ पर बिना किसी बात के बरस पड़ी ।
92  बड़े घर की हवा खाना – (जेल जाना) – सतवीर ने शराब का काम किया और फस गया तो उसे बड़े घर की हवा खानी पड़ी ।
93  बगलें झाँकना – (बेइज्जत होकर चारों तरफ देखना ) – जब कर्जा न चुकाने की वजह से वह सब जगह बगलें झाँकने लगा ।
94  बखिया उधेड़ना – (राज खोलना) –  में महात्मा गाँधी ने अंग्रेजों की बखिया उधेड़ दी ।
95  फब्तियां कसना – (ताना मारना) – जब सिक्षा कक्षा में फेल हो गई तब उसके पिता ने उस पर खूब फब्तियां कसीं ।
96  बौछार करना – (अधिक देना) – कन्यादान करते समय लडकी के पिता ने पैसे की बौछार कर दी ।
97  फूलना-फलना-(धन और कुल होना) – एक माँ ने अपने बेटे से आशीर्वाद देते समय कहा की फूलो-फलो।  
98  बेवक्त की शहनाई बजाना – (अवसर के खिलाफ काम करना) – वे लोग तो उल्टे हैं बेवक्त की शहनाई बजाते रहते हैं ।
99  फट पड़ना – (एकदम से गुस्सा आना) – जगमोहन एकदम से गुस्से से फट पड़ा ।
100  बेडा पार लगाना – (मुसीबत से निकालना) – अब तो भगवान ही हमारा बेडा पर लगा सकते हैं ।

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