हिन्दी - मुहावरे [ HINDI - IDIOMS ] |
मुहावरे
1 अक्ल का दुश्मन – (मूर्ख) – अरे! अक्ल के दुश्मन , यदि जीवन में सफलता पानी है तो मेहनत करो । |
2 हवाई किले बनाना
– (कल्पना में उड़ना) – मेहनत करने वाले जीवन में सफल होते हैं , हवाई किले
बनाने वाले नहीं । |
3 हाथों के तोते उड़ना – (हैरान होना) – पैसों को न मिला देखकर उसके तो हाथों के तोते उड़ गये । |
4 हाथ खाली होना
– (गरीब होना) – दान दे दे कर अब तो राजा के हाथ खली हो जाते हैं लेकिन
लोगों को संतुष्टि नहीं मिलती । |
5 हौसला पस्त होना –
(उत्साह खत्म होना) – पाकिस्तान को हारता देख पाकिस्तानी लोगों के हौंसले पस्त
हो गये । |
6 हाँ में हाँ मिलाना
– (खुशामद करना) – मेहमान को भगवान माना जाता है इसलिए लोग उनकी हाँ में
हाँ मिलते रहते है । |
7 हाथ तंग होना
– (गरीब होना) – जब बेटे ने पढाई के लिए पैसे मांगे तो माँ ने नहीं दिए
क्योंकि उनका हाथ तंग था । |
8 हँसी उड़ाना – (मजाक करना) – जमुना की गरीबी पर उसकी कक्षा की लडकियाँ उसकी हँसी उड़ाती है । |
9 हवा पीकर
रहना – (बिना खाने के रहना) – वह किसान अपने बच्चों को खाना देकर खुद
हवा पीकर रह जाता है । |
10 ऋण चुकाना – (कर्ज उतारना) – उसने अपना ऋण चूका कर राजा से अपना पीछा छुड़ा लिया । |
11 षटराग अलापना
– (रोना धोना) – जब उसके घर कोई भी नुकसान हो जाता है तो लोग षटराग अलापते रहते हैं । |
12 हाथ पाँव फूलना -(घबरा जाना)- डाकुओं को देखकर आशीष के हाथ पाँव फूल गये । |
13 शिकार हाथ
लगना – (असामी मिलना) – जब शिकारी को कोई शिकार हाथ लग जाता है तो
उसकी तुलना वह खजाने से करता है । |
14 हाथ मलते रह जाना – (पछतावा होना) – जब लोग तुम से दूर हो जाएंगे तब तुम हाथ मलते रह जाओगे । |
15 शैतान की आंत – (बड़ी बातें) – अगर तुम रोहन के पेस बैठोगे तो तुम्हे शैतान की आंतें सुनने को मिलेंगी । |
16 हाथ पे हाथ धरकर
बैठना – (जिसे काम न हो) – सोमू तो हाथ पर हाथ धरकर बैठ जाएगा लेकिन उनका
क्या जो लोग काम करते हैं । |
17 शर्म से गढ़ जाना – (बहुत लज्जित होना) – जब वह कर्ज नहीं चूका पाया तो शर्म से गढ़ गया । |
18 हाथ पैर मारना – (कोशिश करना) – उसने बहुत हाथ पैर मारे लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी । |
19 शामत सवार
होना – (संकट आना) – पिताजी तुम्हारी सारी शरारतें जान चुके हैं अब
तुम्हारी सामत सवार हुई है । |
20 होश उड़ जाना – (डर जाना) – भूत को देखते ही उसके तो होश ही उड़ गये । |
21 शहद लगाकर चाटना
– (व्यर्थ चीज को बचाना) – श्याम तुम शहद लगाकर चटना बंद करो और जीवन में
आने वाले कष्टों पर ध्यान दो । |
22 हथियार डाल देना
– (हर मान लेना) – महात्मा गाँधी जी की बातें सुनकर भारतीय गुंडों ने
हथियार डाल दिए थे । |
23 सौ सुनार की एक लुहार
की – (अनेक कष्टों पर एक सुख भारी होना) – अमीर के सौ कष्टों के बदले गरीब का एक कष्ट ही भारी पड़ता है । |
24 हाथ धोकर पीछे पड़ जाना
– (किसी काम में लग जाना) – वह तो नौकरी पाने के लिए मेरे पीछे हाथ धोकर पीछे पड़ गया है । |
25 सोने की चिड़िया हाथ से
निकलना – (लाभ न मिलना) – जब शिकारी के हाथ से शिकार निकल गया तो उसे लगा जैसे सोने की चिड़िया हाथ से निकल गई हो । |
26 हक्का बक्का रह जाना
– (हैरान हो जाना) – मास्टरजी की मौत की खबर सुनकर सब लोग हक्के बक्के रह
गये । |
27 सींग काटकर बिछोड़े में
मिलना – (बूढ़े होकर बच्चों जैसा काम करना) – उन लोगों को तो देखो सींग
काटकर बिछोड़े में मिलने की बात कर रहे हैं । |
28 हवा से बातें
करना – (तेज दौड़ना) – मिल्खासिंह तो हवा से बातें किया करते थे लेकिन
आज के लोग जरा सा काम करने से ही थक जाते हैं । |
29 सिर से पानी गुजरना
– (सहनशीलता खत्म होना) – उसके दोस्त ने उसका बहुत मजाक उड़ाया लेकिन जब पानी सिर से गुजर गया तो उससे चुप नहीं रहा गया । |
30 श्री गणेश करना
– (काम की शुरुआत करना) – जब भी लोग कोई शुभ काम शुरू करने वाले होते हैं
तब वो कहते हैं की चलो श्री गणेश करते है । |
31 सिर धड की बजी लगाना – (मरने से न डरना) – पहले जमाने के लोग सिर धड की बाजी लगाया करते थे । |
32 शैतान के कान
कतरना – (चालाक होना) – तुम उसकी तुलना नहीं कर सकते हो वह तो शैतान
के भी कान कतर सकता है । |
33 सिर से बला टलना
– (मुसीबत जाना) – जब लोगों को लगा कि अब सारे मेहमान जाने वाले हैं तो
उन्हें लगा की उनके सिर से बला तल गई । |
34 शैतान की खाला – (झगड़ालू औरत) – बबिता से कोई भी नहीं जीत सकता है वह तो शैतान की खाला है । |
35 सिंदूर चढ़ाना – (विवाह करना) – माँ बाप ने अपनी लडकी को बालिक होने से पहले ही सिंदूर चढ़ा दिया । |
36 शर्म से पानी पानी होना
– (बहुत लजाना) – जब लडकी की शादी की बातें हो रही थीं तब लडकी शर्म से
पानी पानी हो गई । |
37 साँप सूंघ जाना – (अचानक शांति होना) – महामारी की खबर से सारे गाँव को साँप सूंघ गया । |
38 शेखी बघारना – (डींगें मारना) – तुम लोग व्यर्थ शेखी बघारना बंद करो और अपने काम पर ध्यान दो । |
39 सब धान बाईस
पसेरी – (सबसे एक जैसा व्यवहार करना) – रेखा को तो देखो वह तो सब धान
बाईस पसेरी हो गई है । |
40 शान में बट्टा लगाना – (इज्जत कम होना) – छोटी नौकरी करने से तुम्हारी शान में बट्टा नहीं लग जायेगा । |
41 सुबह का चिराग
होना – (अंत पर आना) – जब लोगों की मौत आने वाली होती है तब उन्हें
सुबह का चिराग होने का आभास होता है । |
42 सावन हरे न भादो सूखे
– (हमेशा एक सी व्यवस्था न रहना) – कभी भी सावन हरे न भादो सूखे की अवस्था नहीं होती है । |
43 सितारा चमकना
– (भाग्य जागना) – जब से वह भगवान का ध्यान लगाने लगा है उसका तो सितारा ही
चमकने लगा है । |
44 सोने पर सुहागा
होना – (लाभ ही लाभ होना) – हमे वैसे तो नौकरी मिल ही रही थी लेकिन
खाली समय में दूसरा काम मिलना तो सोने पर सुहागा है । |
45 सर गंजा कर देना – (बहुत पीटना) – पुलिस ऑफिसर ने गुंडों को पीट पीटकर उनका सिर गंजा कर दिया । |
46 सूखे धान पर पानी पड़ना
– (हालत अच्छी होना) – पहले वे लोग क्या थे लेकिन अब तो ऐसा लगता है जैसे सूखे धान पर पानी पड़ गया हो । |
47 सिर खुजलाना – (बहलाना) – वह तो हमेशा से ही बच्चों का सिर खुजलाती आई है । |
48 सिर पर पाँव रखकर भागना
– (बहुत तेज भागना) -पाकिस्तानी सैनिक युद्ध से सिर पर पाँव रखकर भागे थे । |
49 स्व सोलह आने सही - (पूरी तरह ठीक) - राजा बहुत ही कायर होते हैं यह बात स्व सोलह आने सच है । |
50 सिर ओखली में
देना – (मुसीबत में स्वंय पड़ना) – हम क्या कर सकते हैं जब उसे खुद ही
सिर को ओखली में डालने की आदत हो गई हैं । |
51 समझ पर पत्थर
पड़ना – (अक्ल नष्ट होना) – जब वे लोग तुम्हे कोड़े मार रहे थे तब तुम्हारी
अक्ल पर पत्थर पड़ गये थे क्या ? |
52 सिर पर मौत खेलना – (मौत आना) – जब लोगों के सिर पर मौत आती है तो वे किसी की नहीं सुनते हैं । |
53 सूरज को दीपक
दिखाना – (गुणवान को उपदेश देना) – तुम उसे सिख मत दिया करो वह तो सूरज को
भी दिया दिखा सकता है । |
54 सिर मुंडाते ओले
पड़ना – (काम होने पर बाधा आना) – काम अभी शुरू भी नहीं हुआ था और
मुश्किले आने लगीं ऐसा लगता है जैसे सिर मुंडाते ही ओले पड़ने लगे हों । |
55 सीधे मुंह बात न
करना – (घमंड से बात करना) -जब से उन लोगों के पास दौलत आई है वे लोग किसी
से सीधे मुंह बात ही नहीं करते हैं । |
56 सात घाट का पानी पीना
– (अनुभवी होना) – तुम उससे जीत नहीं सकते उसने पुरे सात घाट का पानी पिया है । |
57 लहू पसीना एक
करना – (बहुत मेहनत करना) – अपने बेटे को पढ़ाने के लिए उसने लहू पसीना एक
कर दिया था । |
58 साँप को दूध पिलाना
– (बुरे की रक्षा करना) – जब साँप को दूध पिलाओगे तो किसी न किसी दिन मारे
जाओगे । |
59 ललाट में लिखा
होना – (भाग्य में होना) – जो कुछ हुआ वो हमारी ललाट में लिखा हुआ था अब
रोने से कोई फायदा नहीं । |
60 सैंकड़ों घड़े पानी पड़ना
– (बेइज्जत होना) – जब उसके भाई ने उसे घर से निकाल दिया तो सैंकड़ों घड़े पानी पड़ गये । |
61 लग्गी से घास
डालना – (दूसरों पर गेरना) – जब लोगों ने सुधा को नशा करते देखा तो उसने
लग्गी से घास शुरू कर दिया । |
62 सात पांच करना – (आगे पीछे करना) – सुनीता लोगों के बीच सात पांच करती रहती है । |
63 लंगोटिया यार –
(बचपन का दोस्त) – श्याम और घनश्याम दोनों लंगोटिया यार हैं एक दूसरे के लिए जान भी दे सकते हैं । |
64 सफेद झूट – (बिलकुल झूट) – सुनीता तो सच कभी बोलती ही नहीं है वह तो सफेद झूंठ बोलती है । |
65 लाख से लाख होना –
(सब कुछ नष्ट होना) – लाक्षाग्रह में आग लगने की वजह से सब लाख से लाख हो गया था । |
66 सिर धुनना – (अफ़सोस करना) – जब तुमसे गलती हो जाएगी तब सिर धुनने से भी कोई फायदा नहीं होगा । |
67 लेने के देने पड़ना – (नुकसान होना) – पिताजी ने काम शुरू किया लेकिन काम में लेने के देने पड़ गये । |
68 सिर पर आ जाना – (पास आना) – मुझे पता ही नही चला कि वह मेरे सिर पर आ खड़ा हुआ । |
69 लोहा मानना – (हारना) – महात्मा गाँधी ने विदेशियों से लोहा मनवा लिया था । |
70 सिक्का जमाना –
(प्रभाव जमाना) – राजा के लोग पहले अपना सिक्का जमाते हैं फिर लोगों के साथ
दुष्टता करते हैं । |
71 लहू का प्यासा
होना – (मरने पर उतरना) – वह तो लहू का प्यासा हो गया है किसी भी तरह से
शांत नहीं हो रहा है । |
72 सर्द हो जाना – (डरना) -जब उसने दुर्घटना को होते हुए अपनी आँखों से देखा तो वह सर्द हो गया । |
73 लल्लो चप्पो
करना – (खुशामद करना) – कभी भी बच्चों के पीछे लल्लो चप्पो नहीं करना चाहिए
वे बिगड़ जाते हैं । |
74 सीनाजोरी करना – (बल देना) – एक तो चोर ने चोरी की ऊपर से हम से सीनाजोरी और क्र रहा है । |
75 लपेट में आ जाना – (घिरना) – पांडवों को मारने वाले आग की लपेट में आ गये थे । |
76 वक्त पर काम आना – (कष्ट में साथ देना) – जो लोग वक्त पर काम आते हैं वही सच्चे मित्र होते हैं । |
77 लंबी तानना – (सोना) – कुंभकर्ण लम्बी तान कर सोया कर्ता था उसे जगाना बहुत मुश्किल हो जाता था । |
78 लातों के भूत बातों से
नहीं मानते – (शरारती समझाने से नहीं समझते) – आजकल के बच्चे तो इस तरह के हैं की लातों के भूत बातों से नहीं मानते । |
79 लाल पीला होना – क्रोधित होना – अधिक लाल पीला होना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है । |
80 लट्टू होना – (मोहित होना) – वह उसके रूप को देखकर उस पर लट्टू हो गया । |
81 रोटियां तोडना – (बैठकर खाना) – वह बेरोजगार है उसे रोटियां तोड़ने के सिवा कोई और काम नहीं है । |
82 लहू होना – (मुग्ध होना) – वह तो हर किसी की बातों पर लहू हो जाता है । |
83 रसातल चला जाना – (बिलकुल खत्म होना) – आग लगने से लाक्षाग्रह का रसातल चला जाता है । |
84 लाले पड़ना
– (मुहताज होना) – उसके लिए दाने दाने के लाले पड़ रहे है वह पता नहीं अपना
पेट कैसे भरता होगा । |
85 रंगा सियार होना – (धोखा देने वाला) – कुछ लोगों का कोई भरोसा नहीं होता वे रंगा सियार जैसे होते हैं । |
86 लंगोटी में फाक
खेलना – (कम साधन होते हुए भी विलासी होना) – घर में वस्तु न होते हुए भी
लंगोटी में फाक खेलने से कोई फायदा नहीं है । |
87 रोड़ा अटकना – (बाधा पड़ना) – अच्छे काम में हमेशा रोड़ा अटकता है । |
88 लोहा नहीं मानना – (हार न मानना) – भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना से अभी तक लोहा नही माना है । |
89 रंग में भंग पड़ना – बाधा पड़ना – सीमा के विवाह में वर्षा आ जाने के कारण रंग में भंग पड़ गये । |
90 लुटिया डुबोना – (नष्ट करना) – पवन ने बने बनये काम की लुटिया डुबो दी । |
91 रफू चक्कर होना – (भाग जाना) – पुलिस को देखते ही चोर रफू चक्कर हो गया । |
92 लड़ाई में काम आना
– (लड़ते हुए मरना) – बहुत से सैनिक युद्ध में काम आये लेकिन फिर भी युद्ध
को जीता नहीं जा सका । |
93 राई का पहाड़
बनाना – (बढ़ा कर कहना) – अनीता को राई का पहाड़ बनाना बहुत अच्छी तरह से आता
है । |
94 लंबी चौड़ी हाँकना – (डींगें हाँकना) – बात तो छोटी थी
लेकिन कुशल ने उसे लम्बी चौड़ी हंकनी शुरू कर दी । |
95 रंग में भंग पड़ना – (मजे में विघ्न आना) – दुर्घटना से होली के रंगों में भंग पड़ गया । |
96 लकीर का फकीर
होना – (अन्धविश्वासी होना) – जो भगवान की जगह ढोंगियों पर विश्वास करता है
वह लकीर का फकीर हो जाता है । |
97 रंग उड़ना – (हैरान होना) – अपनी माँ की मौत की खबर से उसके चहरे के रंग उड़ गये । |
98 लोहे के चने चबाना – अत्यधिक कठिन कार्य – पढना आसन नहीं वरन लोहे के चने चबाना है । |
99 युगांतर उपस्थित करना – (नई प्रथा चलाना) – श्रवण ने मोहनजोदड़ो में युगांतर उपस्थित किया था । |
100 रोना-रोना – (दुःख सुनाना) – जब कभी भी हम दूसरों के घर जाते हैं तो उनका रोना रोना ही लगा रहता है |
हिन्दी - मुहावरे [ HINDI - IDIOMS ] - 04
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