हिन्दी - मुहावरे [ HINDI - IDIOMS ] - 11

HINDI - IDIOMS
हिन्दी - मुहावरे

मुहावरें 

1 इज्जत बेचना – (पैसे लेकर इज्जत लुटाना) – आप लोग क्या समझते हैं कि शहर की लडकियाँ अपनी इज्जत बेचती फिरती हैं ।
2 अक्ल चकराना – (कुछ समझ में न आना) – दो देशों के बीच बिना बात की लढाई देखकर मेरी तो अक्ल ही चक्र गई ।
3 इधर की उधर करना – (चुगली करना) – अनीता को कुछ भी बताना बेकार है वह तो इधर की उधर करती रहती है ।
4 अँधेरे घर का उजाला – (अकेली संतान होना) – राकेश तो अपने अँधेरे घर का उजाला है ।
5 इधर-उधर करना – (टालमटोल करना) – अब इधर – उधर मत करो मुझे मेरी पुस्तक दे दो ।
6 अँगूठे पर मारना – (परवाह न करना) – वह छोटे – बड़ों को तो अपने अंगूठे पर मरता है ।
7 ईंट का जवाब पत्थर से देना – (किसी की दुष्टता का करारा जवाब देना) – भारतीय सेना ने शत्रु का समना करते समय ईंट का जवाब पत्थर से दिया ।
8 अंकुश रखना – (नियंत्रण रखना) – वह किसी भी बात को ऐसे ही नहीं कहते हैं वे अपने आप पर अंकुश रखना जानते हैं ।
9 अंडा फूट जाना – (राज खुल जाना) – जब लोकेश की साडी बातें लोगों के सामने आ गई तो उसका अंडा फूट गया ।
10 आम के आम गुठलियों के दाम – (दोगुना लाभ होना) – एक वस्तु खरीदने पर दूसरी मुफ्त यह तो आम के आम गुठलियों के दाम वाली बात हुई ।
11  अंगूठा चुसना – (खुशामद करना) – स्वाभिमानी लोग कभी किसी का अंगूठा नहीं चूसा करते ।
12 औंधे मुंह गिरना – (बुरी तरह धोखा खाना) – खरीददारी करने की वजह से किसान औंधे मुंह आ कर गिरा है ।
13 आड़े हाथों लेना- (बुरा-भला कहना) – कविता अपने से बड़ों से गलत तरह से बात क्र रही थी इसलिए उसके अध्यापक ने उसे आड़े हाथों ले लिया ।
14 ओखल में सिर देना – (जानकर समस्या में पड़ना) – जब ओखल में सिर दे दिया है तो अब डरते क्यूँ हो ।
15 आसमान दिखाना- (पराजित करना) – आयुर्वेद ने सभी विदेशी कम्पनियों को आसमान दिखा दिया ।
16 अथाह मेँ पड़ना – (मुश्किल मेँ पड़ना) – तुम उस पागल से क्या मुश्किल का हल पुंचते हो वह तो खुद ही अथाह में पड़ता फिरता है ।
17  आन की आन में- (फौरन ही) – वैसे तो वह कुछ कर्ता नहीं लेकिन जब करने की सोच लेता है तो वह आन की आन में ही कर्ता है ।
18 अटकलेँ भिड़ाना – (उपाय सोचना) – वह तो हर वक्त किसी न किसी बात पर अटकलें भिडाती रहती है ।
19 आग लगाकर पानी को दौड़ाना- (पहले झगड़ा लगाकर फिर उसे शांत करने का यत्न करना) – पहले तो स्कूल में लड़ाई करवाते हो फिर उसे शांत करने की कोशिश करते हो यह तो आग लगाकर पानी को दौड़ने वाली बात हुई ।
20 अक्ल का कसूर – (बुद्धि दोष) – तुम्हे कोई बात समझ नहीं आती यह तुम्हारा नहीं तुम्हारी अक्ल का कसूर है ।
21 आग बोना- (झगड़ा लगाना)-सब लोग लड़ाई में झगड़ा कम करने की वजह और आग बोने का काम करते हैं ।
22 अँधेरे मुँह – (पौ फटते) – गाँव में सब लोग अँधेरे मुंह ही उठने लगते हैं ।
23 आग पर आग डालना- (जले को जलाना) – लक्ष्मी लड़ाई को मिटाने की जगह और आग पर आग डालने का काम करती है ।
24 अंधे को चिराग दिखाना – (मूर्ख को उपदेश देना) – विकाश को कुछ भी समझाना अंधे को चिराग दिखाने के समान है ।
25 अरण्य-चन्द्रिका- (व्यर्थ का पदार्थ होना) – अरुण अपना समय अरण्य चन्द्रिका पर बर्बाद कर्ता रहता है ।
26 अंग लगाना – (गले लगाना) – जब उसे अपनी माँ के आने का पता लगा तब उसने अपनी माँ को अंग से लगा लिया ।
27 अपना घर समझना- (बिना संकोच व्यवहार करना) – सुखी ने रिश्तेदारों से बात करने के लिए बुलाया लेकिन वो तो उसे अपना ही घर समझने लगे ।
28 अंगड़ाना – (अंगड़ाई लेना) – जब श्याम सुबह उठता है तो उठने के बाद अंगड़ाता है ।
29 अँधेरे मुँह- (प्रातः काल) – वो तो अँधेरे मुंह उठकर ही काम करने लगता है ।
30 अंगूर खट्टे होना – (न मिलने पर वस्तु को खराब कहना) – जब लोमड़ी के हाथ अंगूर न लगे तो उसे लगा कि अंगूर खट्टे हैं ।
31 अंडे का शाहजादा- (अनुभवहीन) – काम करना क्या होता है वह अंडे का शाहजादा क्या जाने ।
32 अंगारे उगलना – (कडवी बातें करना) – सरोज तो बातें नहीं करती वह तो अंगारे उगलती है ।
33 अंग-अंग फूले न समाना- (बहुत खुश होना) – अपनों से मिलकर उसका अंग-अंग फूले न समाया ।
34 आड़े आना- (नुकसानदेह होना) – आजकल की वस्तुएं आड़ी आने लगी हैं ।
35 अंकुश देना – (जोर देना) – भारतीय खिलाडियों पर खेल जीतने के लिए बहुत अंकुश दिया गया ।
36 आग रखना- (मान रखना) – मेहमान भगवान का रूप होता है इसलिए सब लोग उनका आग रखते हैं ।
37 अपनी डफली आप बजाना – (अपने मन अनुसार करना) – राधा किसी की बात नहीं सुनती , वो हमेशा अपनी ढपली बजाती रहती है ।
38 आग से पानी होना- (क्रोध करने के बाद शांत हो जाना) – हमें तो श्याम का स्वभाव समझ नहीं आता वो तो आग से पानी हो जाता है ।
39 अंतर के पेट खोलना – (समझदारी से काम लेना) – हर परेशानी में हमे अंतर के पेट खोलना चाहिए ।
40 आग लगाकर तमाशा देखना- (झगड़ा खड़ाकर उसमें आनंद लेना) – सुनीता हमारे घर में आग लगाकर तमाशा देखती है ।
41 अक्ल का पुतला – (बहुत बुद्धिमान होना) – विदुर जी को अक्ल का पुतला माना जाता था ।
42 आग पानी का बैर- (सहज वैर) – लता और चारू को समझाना तो बहुत मुस्किल है उनमें तो आग पानी का बैर है ।
43 अक्ल का अजीर्ण होना – (जरूरत से ज्यादा अक्ल होना) – मोहन किसी विषय में किसी और को महत्व नहीं देता उसे अक्ल का अजीर्ण हो गया है ।
44 आग का पुतला- (क्रोधी) – सुरजन तो आग का पुतला है छोटी -छोटी बात पर बुरा मान लेता है ।
45 अगिया बैताल – (क्रोधी) – रोहन छोटी-छोटी बात पर अगिया बैताल हो जाता है ।
46 अड़चन डालना- (बाधा उत्त्पन करना) – सपना हर शुभ काम में अडचन डालती है ।
47 आसन डोलना – (विचलित होना) – धन देखते ही ईमान का भी आसन डोल जाता है ।
48 अड़ियल टट्टू- (रूक-रूक कर काम करना) – तुम्हे काम करना नहीं आता तुम अड़ियल टट्टू की तरह काम करता है ।
49 अब तब होना – (परेशान करना) – दवाई देने से कोई फायदा नहीं वह तो अब तब हो रहा है ।
50 अठखेलियाँ सूझना- (दिल्लगी करना) – आजकल के बच्चों को अठखेलियाँ सूझती हैं ।
51 अपना किया पाना – (कर्म का फल भोगना ) – जब बेकार लोगों से नाता रखोगे तो अपना किया ही पाओगे ।
52 अंगार बनना- (क्रोधित होना) – राजेश की बात सुनकर रमेश अंगार बन गया ।
53 अन्न जल करना – (जलपान करना) – बहुत दिनों बाद आये हो कुछ अन्न जल तो कर लेते ।
54 अंग में अंग चुराना- (शरमाना) – वह मुझसे अंग से अंग चुराने लगा ।
55 अढाई दिन की हुकुमत ( कुछ ही दिन की शानोशौकत) – जरा होशियार रहें ये अढाई दिन की हुकुमत है जल्दी चली जाएगी ।
56 अंधों में काना राजा – (अनपढ़ों में पढ़े लिखे का सम्मान होना) – रावन तो अंधों में काना राजा के समान है ।
57 अक्ल की दुम – (खुद को होशियार समझनेवाला) – तुम्हे दस का पहाडा तो आता है नहीं और खुद को साइंस का टॉपर कहते हो ।
58 अक्ल के घोड़े दौड़ना -(कल्पनाएँ करना) – जय तो हमेशा अक्ल के घोड़े दौड़ता रहता है ।
59 अंधेर नगरी – (जहाँ कपट का बोलबाला हो) – पहले चाय इकन्नी में मिलती थी और अब दस पैसे की मिलती है ये बाजार नहीं अंधेर नगरी है ।
60 अंत पाना – (भेद पाना) – किसी का भी अंत पाना कठिन है ।
61 अँधा होना – (विवेकभ्रष्ट होना) – तुम अंधे हो गये हो क्या यह भी नहीं देखते कि कोई खड़ा है या नहीं ।
62 अक्ल दंग होना – (हैरान होना) – सोहन ज्यादा पढाई नहीं कर्ता लेकिन जब रिजल्ट आया तो सब की अक्ल दंग रह गयी ।
63 अन्धा बनना – (आगे-पीछे कुछ नहीं देखना) – धर्म के पीछे अँधा नहीं बनना चाहिए ।
64 अंगारों पर पैर रखना – (खुद को संकट में डालना) – भारतीय सेना अंगारों पर पैर रखकर भारत की सेवा करती है ।
65 अण्ड-बण्ड कहना – (भला-बुरा कहना) – तुम क्या अण्ड-बण्ड ख रहे हो कोई सुन लेगा तो बहुत पिटेगा ।
66 आसमान टूट पड़ना – (बहुत कष्ट आना) – उसने इतने दुखों का समना किया की मानो उस पर तो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा ।
67 अंचरा पसारना – (माँगना) – माँ ने अपने बेटे की तरक्की के लिए भगवान के सामने अंचरा पसार लिया ।
68 आठ आठ आँसू रोना – (बहुत पछताना) – अगर अभी नहीं पढोगे तो बाद में आठ आठ आँसू रोना पड़ेगा ।
69 अंग टूटना – (बहुत थक जाना) – ज्यादा काम करने से मेरे तो अंग टूटने लगे हैं ।
70 अब तब करना – (बहाना बनाना) – मैने उससे कुछ माँगा तो उसने अब तब करना शुरू क्र दिया ।
71 आँखों में बसना – (दिल में समाना) – वह इतना बुद्धिमान है कि वह मेरी आँखों में बस गया ।
72 अन्न लगना – (स्वस्थ रहना) – उसे तो अपने गाँव का ही अन्न लगता है ।
73 आसमान सिर पर उठाना – (शोर मचाना) – स्कूल के बच्चों ने आसमान सिर पर उठा लिया ।
74 अन्न जल उठाना – (मरना) – मुझे नहीं पता था कि तुम्हारा यहाँ से अन्न जल उठ गया है ।
75 आबरू पर पानी फिरना – (प्रतिष्ठा बर्बाद होना) – तुम्हारी नादानी के कारण ही हमारी आबरू पर पानी फिर गया ।
76 अगले जमाने का आदमी – (ईमानदार व्यक्ति) – आज की दुनिया में अगले जमाने का आदमी बुद्ध माना जाता है ।
77 आटा गीला करना – (घाटा आना) – कम कीमत में फसल बेचोगे तो आटा तो गीला होगा ही ।
78 अकेला दम – (अकेला होना) – मैं तो अकेला हूँ जिधर सींग समायेगा , चल दूंगा ।
79 आग में कूदना – (जानबूझकर मुसीबत में पड़ना) – वीर पुरुष किसी खतरे से नहीं डरते वे तो आग में भी कूद पड़ते हैं ।
80 अंधेरखाता – (अन्याय होना) – मुंहमांगा देने पर भी लोग अन्याय करते हैं यह कैसा अन्धेरखाता है ।
81 आँसू पीकर रह जाना – (दुःख और अपमान को सहन करना) – सबके समने बुरा भला सुनकर भी वह आँसू पीकर रह गया ।
82 अन्धा बनाना – (धोखा देना) – लोगों ने ही लोगों को अँधा बना रखा है ।
83 आँच न आने देना – (थोड़ी सी भी चोट न लगने देना) – मेरा दोस्त मुझ पर जरा भी आँच नहीं आने देगा ।
84 अन्धाधुन्ध लुटाना – (बिना सोचे खर्च करना) – अपनी कमाई को कोई भी अन्धाधुन्ध लुटाया नहीं करते ।
85 आँखें लाल करना – (गुस्से से देखना) – सुंदर की बातों का बुरा मान क्र उसने आँखें लाल कर लीं ।
86 अण्टी मारना – (चाल चलना) – ऐसी अण्टीमारो कि सब चारों खाने चित हो जाए ।
87 आँखों में गड़ना – (बुरा लगना) – मेरी बातें उसकी आँखों में गड़ गई ।
88 अंगारों पर लेटना – (दुःख सहना) – वह दूसरे की तरक्की देखकर अंगारों पर लोटने लगा ।
89 आँखों में पानी न होना – (बेशर्म होना) – बेईमान लोगों की आँखों में पानी नहीं होता ।
90 अंक भरना – (प्यार से गले लगा लेना) – माँ ने बेटी को देखते ही अंक भर लिया ।
91 आँख का काजल चुराना – (सफाई के साथ काम करना) – बहुत सारे लोगों के बीच से घडी का चोरी होना ऐसा लगता है जैसे चोर ने आँखों से काजल चुरा लिया ।
92 आँख भर आना – (आँसू आना) – बेटी की बिदाई से माँ बाप की आँख भर आई ।
93 आँख उठाकर न देखना – (ध्यान न देना) – श्याम किसी को आंख उठाकर नहीं देखता है ।
94 आवाज उठाना – (विरोध करना ) – गुंडों के खिलाफ आवाज उठाना आम बात नहीं है ।
95 अरमान निकालना – (इच्छा पूरी करना) – बेटे की शादी में बाबु साहब ने अपने दिल के अरमान निकाले ।
96 आधा तीतर आधा बटेर – (बेढंगा)–पश्चिमी संस्क्रती ने भारतीय संस्क्रती को आधा तीतर आधा बटेर बना दिया ।
97 ढाई चावल की खिचड़ी अलग पकाना – (अलग-अलग रहना) – कुछ सैलून पहले पाकिस्तानी सेना ढाई चावल की खिचड़ी अलग पका रही थी ।
98 आग लगने पर कुआँ खोदना – (मुसीबत आने पर मुसीबत का हल ढूँढना) – अंतिम घडी में शहर से डॉक्टर बुलाना आग लगने पर कुआँ खोदने के समान है ।
99 आँखें खुलना – (होश आना) – एक बार ठोकर लगने के बाद व्यक्ति की आँखें खुल जाती हैं ।
100 आग पर पानी डालना – ( शांत करना) – ओ भाइयों में ज्यादा गरमा-गर्मी हो गई थी लेकिन दीदी की बातों ने आग पर पानी डाल दिया ।
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