1 |
फेर में डालना –
(मुश्किल में डालना) – उसने किसी एक का चुनाव करने की कहकर मुझे फेर में दाल
दिया । |
2 |
बीड़ा उठाना
– (जिम्मेदारी लेना) – सूर्य पुत्र कर्ण ने अंग देश की प्रजा को आजादी
दिलाने का बीड़ा उठाया था । |
3 |
फूंक से पहाड़
उड़ाना – (कम शक्ति से बड़ा काम होना) – तुम फूंक से पहाड़ उड़ने की बात मत करो
यह तुम्हारे बस की बात नहीं है । |
4 |
बाल की खाल
निकलना – (बिना मतलब की बात करना) -बात की खाल निकलने से अच्छा अपने अपने
काम में ध्यान दो । |
5 |
फंदे में पड़ना –
(धोखा खाना) – झगड़ा किसी और का था लेकिन फंदे में वह पड़ गया । |
6 |
बातों में आना
– (धोखा खाना) – तुम लोग सोहन की बातों में आ जाते हो वह तो धोखेबाज है । |
7 |
पानी पर नींव
डालना – (अस्थिर वस्तु का आधार होना) – तुम लोग पानी पर नाव डालना बंद करो
और अपने अपने घर जाओ । |
8 |
बात चलाना
– (शुरू करना) -आजकल तो मेरी शादी की बातें चल रही हैं । |
9 |
पानी देना –
(सींचना) – मैंने इस पेड़ को बहुत ही प्यार से पानी देकर बड़ा किया है । |
10 |
बाग बाग होना
– (खूब खुश होना) – जब उसे अपने पास होने की बात का पता चला तो वह बाग बाग
हो गया है । |
11 |
पते की कहना –
(रहस्य की बात कहना) – एरेगोन ने तो जैसे मेरे पते की बात ख दी । |
12 |
बट्टा लगाना
– (कलंक लगाना) – उसने अपनी परिवार की इज्जत पर बट्टा लगा दिया । |
13 |
पाकेट गर्म करना
– (रिश्वत देना) – आजकल लोग अफसरों की पाकेट गर्म करके अपना काम करवा लेते
हैं । |
14 |
फूल झड़ना – (मीठा
बोलना) – जब शशि बोलती हैतो ऐसा लगता है जैसे फूल झड़ रहे हो । |
15 |
पैरों में मेंहदी
लगाकर बैठना – (जा न पाना) – जब उसने काम करने से मना कर दिया तो पिताजी ने
उससे कहा की तुम्हारे पैरों में मेंहदी लगी है क्या । |
16 |
फफोले फोड़ना –
(वैर होना) – उसकी मुझसे दुश्मनी है इसलिए मैं उसके हमेशा फफोले फोड़ता रहता हूँ
। |
17 |
पेट में दाढ़ी
होना – (दिमाग से चतुर) – कुछ लोग सिर्फ सकल से भोले होते हैं लेकिन उनके
पेट में दाढ़ी होती है । |
18 |
फूंक फूंक क्र कदम
रखना – (सावधानी देखना) – आजकल के लोग फूंक फूंककर कदम रखते हैं । |
19 |
पापड़ बेलना
– (व्यथ जीवन बिताना) – सरकारी नौकरी पाने के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़ते है
। |
20 |
फूलकर कुप्पा
होना – (खुशी से इतराना) – जब वह अपने बचपन के दोस्त से मिला तो वह फूलकर
कुप्पा हो गया । |
21 |
पानी फेर देना
– (निराश कर देना) – मैंने इतनी मुश्किल से लोगों को तुम्हारी नौकरी के लिए
राजी किया था लेकिन तुमने सारे किये कराये पर पानी फेर दिया । |
22 |
फूटी आँखों न
भाना – (अप्रिय होना) – सुप्रिया को अपना सौतेला बेटा फूटी आँख नहीं भाता
है । |
23 |
पहाड़ टूट पड़ना
– (विपदा आना) – उसके इकलौते बेटे की मौत से उस पर तो दुखों का फाड़ टूट पड़ा
। |
24 |
फटेहाल होना
– (बुरी हालत होना) – आजकल लोग गरीबी की वजह से फटेहाल हो गये है । |
25 |
पोल खोलना – (राज
प्रकट करना) – सब लोगों ने मिलकर सलमान की पोल खोल दी । |
26 |
पानी पीकर जाति
पूंछना – (काम होने के बाद उसकी सभ्यता का निर्णय करना) – तुम लोग उसे नहीं
जानते वह तो पानी पीकर जाति पूंछ लेती है । |
27 |
प्राण हथेली में लेना
– (मरने को तैयार होना) – भारतीय सैनिक अपने प्राणों को हथेली पर लेकर जंग
लड़ते हैं । |
28 |
पानी न माँगना –
(तभी मर जाना)- वह तो ऐसे मर गया की किसी से पानी भी नहीं माँगा । |
29 |
प्राण मुंह को आना
– (बहुत दुःख होना) – उसकी हालत को देखकर मेरे तो प्राण मुंह को आ गये । |
30 |
पानी का
बुलबुला – (क्षणभंगुर वस्तु होना) – वह तो पानी का बुलबुला है न जाने कब
फूट जाये । |
31 |
पेट में चूहे दौड़ना
– (जोरों की भूख लगना) – आज मुझे खाना न मिलने की वजह से मेरे पेट में चूहे
दौड़ रहे हैं । |
32 |
पहलू बचाना
– (कतराना) – जब मैंने उसे देख लिया तो वह पहलु बचाकर निकल दिया । |
33 |
पीठ ठोंकना
– (शाबाशी देना) – जब शिवानी पास हो गई तो उसके अध्यापक ने उसकी पीठ ठोकी । |
34 |
पट्टी पढ़ाना
– (बुरी सीख देना) – उर्मिला सब बच्चों को उल्टी पट्टी पढ़ती रहती है । |
35 |
पानी में आग
लगाना – (असंभव को संभव करना) – सुधा ने कहा की मैं पानी में आग लगा सकती
हूँ । |
36 |
पैरों तले जमीन
खिसकना – (होश उड़ जाना) – जब उसे अपने बेटे की मौत का पता चला तो उसके
पैरों तले जमीन खिसक गई । |
37 |
पानी की तरह पैसा
बहाना – (अन्धाधुन्ध खर्च करना) – सीमा कुछ नहीं सोचती वह तो पानी की तरह
पैसा बहती है । |
38 |
पेट बाँधकर रहना
– (भूखे रहना) – वह अपने बच्चों को खिलने के लिए खुद पेट बाँधकर रह रहा है
। |
39 |
पाँव फूंक फूंक कर
रखना – (सोचकर काम करना) – आज की सरकार पाँव फूक फूककर रखती है । |
40 |
पानी पी पीकर कोसना
– (गलियां देते जाना) – मैंने उसे जरा सा कुछ कह क्या दिया वह तो मुझे पानी
पी पीकर कोसने ही लगा । |
41 |
पहाड़ से टक्कर लेना
– (अपने से बलवान से लड़ना) – तुम बलराम से लड़ाई करने के खाब मत देखो पहाड़
से टक्कर लेना आसान बात नहीं है । |
42 |
पाँचों उँगलियाँ घी
में होना – (सब जगह से लाभ होना) – सरकार को गरीब की परवाह क्यूँ होगी उनकी
तो पाँचों उँगलियाँ घी में होती है । |
43 |
पत्थर पर दूब
जमना – (असंभव काम होना) – अश्व्थामा को मारना पत्थर पर दूब जमने के समान
है । |
44 |
पसीना-पसीना होना
– (थक जाना) – आज श्याम ने सारा दिन काम किया जिससे वह पसीना पसीना हो गया
। |
45 |
पगड़ी रखना
– (मर्यादा की रक्षा करना) – आजकल की लडकियाँ पगड़ी रखना ही पसंद नहीं करती
हैं । |
46 |
प्राणों की बाजी लगाना
– (बहुत साहस करना) – भारतीय सेना ने अपने प्राणों की बाजी लगाकर युद्ध
जीता था । |
47 |
पंचतत्व को प्राप्त
करना – (मर जाना) – सुमन मरकर पंचत्व को प्राप्त हो गई । |
48 |
प्राणों से हाथ धोना
– (म्रत्यु को प्राप्त होना) – अभिमन्यु ने चक्रविहू में अपने प्राणों से
हाथ धो दिए । |
49 |
नींद हराम होना
– (न सोना) – इस काम को पूरा न कर पाने की वजह से मेरी तो नींद हराम हो गई
है । |
50 |
पौ बारह होना
– (लाभ का अवसर मिलाना) – जैसे ही वह अपने आफिस आया तो उसके पौ बढ़ हो गये । |
51 |
सिर उठाना –
(विरुद्ध होना) – तुम राजा के हर फैसले पर सिर मत उठाया करो । |
52 |
पीठ दिखाना
– (भाग जाना) – दुर्योधन युद्ध में पीठ दिखाकर भाग गया । |
53 |
सिट्टी पिट्टी गुल
होना – (होश उड़ जाना) – गलत काम करने वाले पुलिस को देखते ही उनकी सिट्टी
पिट्टी गुल हो जाती है । |
54 |
पिल पड़ना – (पूरी
जान से लगना) – वह जिस काम को कर्ता है उसके पिल पड़ गये । |
55 |
सब्जबाग दिखाना –
(झूठा भरोसा देना) – एक धोखेबाज ने सब्जबाग दिखाकर मुझे लुट लिया । |
56 |
पानी पानी होना
– (बेइज्जत होना) – चोरी करते पकड़े जाने पर वह पानी पानी हो गई । |
57 |
सन रह
जाना – (सदमा लगना) – जब बच्चों को उनके सहपाठी की मौत का पता लगा तो
बच्चे सन्न रह गये । |
58 |
पजामे से बाहर होना
– (आपे से बाहर होना) – वह सच बात सुनकर आपे से बाहर हो गया । |
59 |
सनक सवार होना
– (धुन लगना) -उसे तो पुलिस बनने की सनक सवार हो गई है । |
60 |
पाँव उखड़ जाना
– (हार जाना) – पाकिस्तानी सेना के पाँव जंग से उखड़ गये । |
61 |
वचन हारना –
(जबान हारना) – कुछ लोग झूठा वचन देते हैं लेकिन वचन बहुत जल्दी हार जाते हैं । |
62 |
पत्थर से सिर फोड़ना
– (असंभव के लिए कोशिश करना) – पत्थर से सिर फोड़ने से कुछ प्राप्त नहीं
होगा जो कुछ हो सकता है वो करो । |
63 |
वार खाली जाना
– (योजना असफल होना) – जब दुर्योधन का वार खली चला गया तो वह बहुत ही दुखी
हो गया था । |
64 |
पत्थर की लकीर –
(स्थायी) – युद्धिष्ठिर की बात को पत्थर की लकीर माना जाता था । |
65 |
सीधी ऊँगली से घी न
निकलना – (शन्ति से काम न बनना) – लोगों का मानना है की जब घ सधी ऊँगली से
न निकले तो ऊँगली टेढ़ी करने में ही भलाई है । |
66 |
पगड़ी उछालना
– (लज्जित करना) – शादी के मंडप में शर्त पूरी न होने पर लडके के पिता ने
लडकी के पिता की पगड़ी उछाल दी । |
67 |
सिर पर खून
चढना – (बहुत क्रोधित होना) – कोई कान्हा से बात नहीं करेगा उसके सिर पर
खून सवार है । |
68 |
नेकी और पूंछ-पूंछ
– (बिना कहे भलाई करना) – उसने मुझे बताया भी नहीं और नेकी और पूंछ -पूंछ
कह क्र काम को पूरा कर दिया । |
69 |
नदी नाव का संयोग
– (इत्तिफाक से हुई मुलाकात) – इन दोनों का संयोग ऐसा मानो जैसे नदी और नाव
का संयोग । |
70 |
सिर के बल जाना –
(शन्ति से पास जाना) – तुम कितना गुस्सा करते हो उसे देखो वह तो सिर के बल सबके
पास जाता है । |
71 |
नौ दिन चले ढाई कोस
– (धीमी गति से कार्य करना) – तुम संजना से काम करने को मत कहो वह तो नौ
दिन में ढाई कोस चलती है । |
72 |
सिर आँखों पर रखना – (सम्मान करना) –
मेहमान भगवान होता है इसलिए उन्हें सिर आँखों पर रखा जाता है । |
73 |
नाक चोटी काटकर हाथ
मेँ देना – (बुरा हल करना) – सुनीता ने बबिता की नाक चोटी काटकर हाथ में दे
दी । |
74 |
साँप छुछुदर की
दशा – (सोच में डालना) – हम लोगों ने सिनेमा जाने का निर्णय लिया था लेकिन
पिताजी ने स्कूल जाने की कहकर उसे साँप छुछुदर की दशा में डाल दिया । |
75 |
नमक अदा करना
– (फर्ज निभाना) – उसने उस घर का नमक खाया है अब नमक तो अदा करना ही पड़ेगा
। |
76 |
सबको एक डंडे से
हाँकना – (सबको एक जैसा समझना) – सबको एक डंडे से हाँकना तो सुषमा कीआदत है
वह लोगों को पहचानती नहीं है । |
77 |
निन्यानवे के फेर में
पड़ना – (धन जुटाना) – तुम निन्यानवे के फेर में मत पड़ो जितना है उसी में
खुश रहना सीखो । |
78 |
सन्नाटे में
आना – (बिलकुल शांत हो जाना) – जब कक्षा में साँप आ गया तो आवाजें
सन्नाटे में बदल गयीं । |
79 |
नाच नचाना – (तंग
करना) – वह उसे अपनी उँगलियों पर नाच नचाने लगा है । |
80 |
विष उगलना –
(कडवी बातें करना) – सुमन बातें नहीं करती वह तो विष उगलती है । |
81 |
नीला -पीला होना
– (गुस्सा होना) – उसकी छोटी सी बात पर उसके पिताजी नील-पीले हो गये । |
82 |
वीरगति को प्राप्त
होना – (युद्ध में मरना) – युद्ध में कई सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे । |
83 |
नानी याद आना
– (होश उड़ना) – जब पुलिस ने चोर को पकड़ लिया तो चोर को नानी याद आ गई होगी
। |
84 |
वचन देना – (वादा करना) – दशरथ ने कैकयी
से वादा किया था कि तुम मुझसे कोई भी तीन वचन मांग सकती हो । |
85 |
नाक भौं चढ़ाना
– (नाराज होना) – गंदगी किसी को पसंद नहीं होती इसलिए सभी नाक भौं चढ़ाना
शुरू कर देते हैं । |
86 |
सिर पर कफन
बांधना – (मरने को तैयार रहना) – भरिय सैनिक सिर पर कफन बांध कर निकलते हैं
। |
87 |
नाक का बाल होना
– (प्रिय होना) – बीरबल बहुत चतुर थे इसीलिए वो अकबर की नाक के बाल हो गये
। |
88 |
नसीब चमकना –
(भाग्य चमकना) – जब से वह भगवान की भक्ति में लीन हो गया है तब से उसकी किस्मत
चमक रही है । |
89 |
नजर पर चढना
– (पसंद आना) – रमेश की नजर मेरा पैन चढ़ गया इसलिए उसने मुझसे छीन लिया । |
90 |
नशा उतरना
– (घमंड उतरना) – शिक्षा ने उसे उसकी सच्चाई बताकर उसका नशा उतर दिया । |
91 |
नाक रगड़ना – (भूल
स्वीकार करके क्षमा माँगना) – इन्सान को कोई ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे उसे
दूसरों के सामने नाक रगडनी पड़े । |
92 |
नाक पर मक्खी न बैठने
देना – (साफ होना) – उसके यहाँ पर इतनी सफाई है की नाक पर मक्खी तक नहीं
बैठ सकती । |
93 |
धुआँ सा मुंह होना
– (लज्जित होना) – जब वह फ़ैल हो गया तब वह धुआँ सा मुंह लेकर रह गया । |
94 |
नकेल हाथ मेँ
होना – (वश मेँ होना) – उसकी नकेल तो जादूगर के हाथ में है वो जैसा कहेगा
उसको करना होगा । |
95 |
धाक जमाना – (रॉब
जमाना) – सुखदेव सब जगह अपनी धाक जमता फिरता है । |
96 |
नजर चुराना
– (आँखें चुराना) – तुम मुझे कुछ नहीं बताते हो आजकल मुझसे नजर चुराने लगे
हो । |
97 |
धोती ढीली होना
– (डर जाना) – शेर को देखते ही लोगों की धोती ढीली हो गई । |
98 |
नुक्ताचीनी करना
– (दोष निकालना) – तुम हर बात में नुक्ताचीनी मत किया करो बहुत मुश्किल से
खाना मिलता है । |
99 |
धुल फांकना
– (मारा मारा फिरना) – रवि को पढने लिखने का काम तो है नहीं और धुल फांकता
फिरता है । |
100 |
न इधर का न उधर का
– (कहीं का न होना) – दोनों जगह बैर करोगे टी न इधर के रहोगे न उधर के । |
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