गैलुसाक का नियम :
गैलुसाक का गैस का नियम हमें यह बताता है कि किसी गैस के लिए दाब व ताप किस प्रकार से सम्बन्धित होते है।
यह नियम बताता है कि “यदि किसी भी गैस के आयतन को नियत रखा जाये तो किसी भी आदर्श गैस का दाब, इसके ताप के समानुपाती होती है।
गैलूसेक के नियम के अनुसार :-
माना की किसी आदर्श गैस का प्रारंभिक दाब ग्राफ खींचा जाये P1 और अंतिम दाब P2 है तथा प्रारंभिक ताप T1 व् अंतिम दाब T2 है तो उस आदर्श गैस के ताप व् दाब के सम्बन्ध को निम्नप्रकार से दर्शाते है :-
यहाँ ताप को केल्विन मात्रक में मापा जाता है।
जब किसी आदर्श गैस के लिए आयतन को नियत रखकर, ताप व् दाब के मध्य ग्राफ खींचा जाये तो एक सीधी रेखा लाइन के रूप में प्राप्त होती है , जैसा की चित्र में दर्शाया गया है :-
गणितीय विश्लेषण
गैलूसेक के नियम के अनुसार एक गैस के निश्चित द्रव्यमान के लिए दाब का मान परम ताप के समानुपाती होता है।
P अनुपात T
अतः P = k T
इस समीकरण को निम्न प्रकार से भी लिख सकते है :-
P/T= k = नियत
अर्थात गैस के दाब व् ताप का अनुपात नियत रहता है।
किसी आदर्श गैस का प्रारंभिक दाब P 1 है और प्रारंभिक ताप T 1 व् अंतिम दाब P 2 एवं अंतिम दाब T 2 है तो गेलुसैक के नियम के अनुसार इस सम्बन्ध को निम्न प्रकार से लिख सकते है :-
इसी को गेलुसैक के गैस लिए नियम कहते है।
गैलुसाक का गैस का नियम हमें यह बताता है कि किसी गैस के लिए दाब व ताप किस प्रकार से सम्बन्धित होते है।
यह नियम बताता है कि “यदि किसी भी गैस के आयतन को नियत रखा जाये तो किसी भी आदर्श गैस का दाब, इसके ताप के समानुपाती होती है।
गैलूसेक के नियम के अनुसार :-
माना की किसी आदर्श गैस का प्रारंभिक दाब ग्राफ खींचा जाये P1 और अंतिम दाब P2 है तथा प्रारंभिक ताप T1 व् अंतिम दाब T2 है तो उस आदर्श गैस के ताप व् दाब के सम्बन्ध को निम्नप्रकार से दर्शाते है :-
यहाँ ताप को केल्विन मात्रक में मापा जाता है।
जब किसी आदर्श गैस के लिए आयतन को नियत रखकर, ताप व् दाब के मध्य ग्राफ खींचा जाये तो एक सीधी रेखा लाइन के रूप में प्राप्त होती है , जैसा की चित्र में दर्शाया गया है :-
गणितीय विश्लेषण
गैलूसेक के नियम के अनुसार एक गैस के निश्चित द्रव्यमान के लिए दाब का मान परम ताप के समानुपाती होता है।
P अनुपात T
अतः P = k T
इस समीकरण को निम्न प्रकार से भी लिख सकते है :-
P/T= k = नियत
अर्थात गैस के दाब व् ताप का अनुपात नियत रहता है।
किसी आदर्श गैस का प्रारंभिक दाब P 1 है और प्रारंभिक ताप T 1 व् अंतिम दाब P 2 एवं अंतिम दाब T 2 है तो गेलुसैक के नियम के अनुसार इस सम्बन्ध को निम्न प्रकार से लिख सकते है :-
इसी को गेलुसैक के गैस लिए नियम कहते है।
गैलुसाक का नियम
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