मोलर द्रव्यमान

मोलर द्रव्यमान


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परमाणु और अणु अकार में अत्यंत छोटे होते हैं, परंतु किसी पदार्थ की बहुत कम मात्रा में भी उनकी संख्या बहुत अधिक होती है। इतनी बड़ी संख्याओं के साथ काम करने के लिए इतने ही परिमाण के एकमात्र की आवश्यकता होती है। जिस प्रकार हम 12 वस्तुओं के लिए ' एक दर्जन ' और 20 वस्तुओं के लिए ' एक स्कोर ' (Score) का प्रयोग करते हैं , उसी प्रकार अति सूक्ष्म स्तर पर कणों ( जैसे - परमाणु , अणु , कणों , इलेक्ट्रॉनों आदि ) को गिनने के लिए मोल की धारणा का उपयोग किया जाता है।

दाढ़ जनता के तत्वों Molar masses of elements

किसी पदार्थ का एक मोल उसकी वह मात्रा है जिसमें उतने ही कण उपस्थित होते हैं जितने कार्बन - 12 समस्थानिक की ठीक 12 ग्राम ( या 0.012 kg ) में परमाणुओं की संख्या होती है। यहां यह ध्यान देने की बात है कि किसी पदार्थ के एक मोल में कणों की संख्या सदैव समान होगी , भले ही वह कोई भी पदार्थ हो। इस संख्या की सही निर्धारण के लिए कार्बन - 12 परमाणु का द्रव्यमान , द्रव्यमान स्पेक्ट्रम मापी द्वारा ज्ञात किया गया , जिसका मान 1.992648 * 10^(-23) g प्राप्त हुआ। कार्बन के एक मोल का द्रव्यमान 12 g होता है , अतः कार्बन के एक मोल में परमाणुओं की संख्या इस प्रकार होगी – ol:
एम(एच) = 1.007 97(7) × 1 जी/मोल = 1.007 97(7) ग्राम/मोल
एम(एस) = 32.065(5) × 1 जी/मोल = 32.065(5) g/mol
मीटर(सीएल) = 35.453(2) × 1 जी/मोल = 35.453(2) जी/मोल
मीटर(Fe) = 55.845(2) × 1 जी/मोल = 55.845(2) जी/मोल है।
एक मोल में कणों की संख्या इतनी महत्वपूर्ण है कि इसे एक अलग नाम और संकेत दिया गया जिसे ( आमिदियो आवोगाद्रो के सम्मान में ) आवोगाद्रो संख्या कहते हैं और NA से व्यक्त करते हैं।  
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