इतिहास- सिन्धु सभ्यता के निर्माता [FOUNDERS OF INDUS CIVILIZATION]

FOUNDERS OF INDUS  CIVILIZATION
FOUNDERS OF INDUS  CIVILIZATION

सिन्धु सभ्यता के निर्माता [FOUNDERS OF INDUS  CIVILIZATION]

सिन्धु सभ्यता के निर्माता कौन थे ? यह एक अत्यन्त विवादास्पद प्रश्न है। सिन्ध सभ्यता के निर्माता भारतीय अर्थात् स्थानीय ही थे, अथवा विदेशी यह निर्धारित करना भी एक कठिन कार्य है। विभिन्न विद्वानों ने द्रविड़ों, सुमेरों और आयों आदि को इस सभ्यता का निर्माता माना है।

(1) द्रविड़- अधिकतर विद्वानों, जिनमें राखलदास बनर्जी प्रमुख, का मत है कि द्रविड़ लोग सिन्धु सभ्यता के निर्माता थे । विद्वान व्हीलर ने भी ऋग्वेद में वर्णित 'दस्यु' अथवा 'दास' को सिन्धु सभ्यता के निर्माता माना है।  उनका मानना है कि आर्यों ने इन्हीं दस्युओं से युद्ध किया और उन्हें पराजित कर वे भारत में आगे बढ़े और यहाँ बस गए। वेदों में भी आर्यों  और असुरों के युद्धों का वर्णन है। इससे स्पष्ट होता है कि असुर अर्थात् द्रविड़ ही सिन्धु सभ्यता के निर्माता थे।
आर्यों से पराजित हो जाने के पश्चात् द्रविड़ लोग दक्षिण भारत की ओर चले गए और धीरे-धीरे वे वहाँ बसते चले गये। इसके प्रमाण दक्षिण भारत में प्राप्त बर्तनों, उपकरणों व आभूषणों के रूप में मिलते, जो सिन्धु घाटी में प्राप्त बर्तनों,उपकरणों व आभूषणों के समान हैं। इसके अतिरिक्त बलूचिस्तान में रहने वाली ब्राहुई जाति की भाषा और द्रविड़ भाषा में काफी समानता है। इससे स्पष्ट है कि सिन्धु घाटी की द्रविड़ भाषा से ब्राहुई भाषा की उत्पत्ति हुई हो। लेकिन जब तक यह भाषा सही और पूर्ण रूप से पढ़ी नहीं जाती, तब तक भाषा का यह प्रमाण संदिग्ध है। 

(2) सुमेर- कुछ विद्वान सिन्धु सभ्यता को सुमेर सभ्यता से सम्बन्धित मानते हैं, क्योंकि सिन्धु सभ्यता के अनेक उपकरण व सामग्री उनसे मिलतेजुलते हैं, जैसे- ताँबे व कांसे के पात्र, पकाई हुई ईटें व चित्रलिपि आदि । विद्वान इतिहासवेत्ता गार्डन चाइल्ड का मत है कि सिन्धु सभ्यता के निर्माता सुमेरियन थे, परन्तु इसके लिए अकाट्य और विश्वसनीय प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। 

(3) आर्य- कुछ विद्वानों जिनमें लक्ष्मणस्वरूप पुसाल्कर एवं रामचन्द्रन प्रमुख हैं,का मत है कि सिन्धु सभ्यता आर्यों की ही सभ्यता थी और आर्य ही इस सभ्यता के निर्माता थे। लेकिन आर्यों को सिन्धु सभ्यता का निर्माता स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि आर्यों की सभ्यता और सिन्धु सभ्यता में निम्नांकित प्रमुख अन्तर थे-
(i) आर्य सभ्यता प्रामीण और कृषि प्रधान थी, सिन्धु सभ्यता नगरीय और व्यापार प्रधान थी। 
(ii) आर्य युद्ध प्रिय थे और वे ढाल-कवच आदि का युद्ध में उपयोग करते थे। सिन्ध सभ्यता के लोग शान्तिप्रिय थे और उनके पास युद्ध करने के आयुधों का अभाव था।
(iii) आर्य गाय की पूजा करते थे, जबकि सिन्ध सभ्यता में बैल अधिक सम्माननीय था।
(iv) आर्य सभ्यता के लोग ताँबा,सीसा, कांसा, सोना, चाँदी, लोहा आदि धातुओं का प्रयोग करते थे, लेकिन सिन्धु सभ्यता के लोग पत्थर, लकड़ीताँबा और कांसे का ही विशेष रूप से प्रयोग करते थे।
(vi) सिन्धु सभ्यता के निवासी मूर्तिपूजक थे तथा वे शिव-पूजा, मातृ-पूजा व लिंग-पूजा करते थे। जबकि आर्य सभ्यता के लोग मूर्ति पूजा नहीं करते थे, वे सूर्य, अग्नि, पृथ्वी, इन्द्र, सोम, वरुण आदि की स्तुति मन्त्रों से पूजा करते थे।
उपरोक्त विभिन्नताओं  के कारण इस मत को स्वीकार नहीं किया जा सकता। सिंधु सभ्यता के  उपलब्थ नर-कंकालों से ज्ञात होता है कि यहां पर विभिन्न प्रजातियों के लोग रहते थे।  आर्यों के आगमन से पूर्व ही यहाँ के निवासियों ने विभिन्न प्रजातियों के संपर्क से प्रभावित होकर एक नवीन विकसित सभ्यता का विकास कर लिया था।
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