इतिहास- सिन्धु सभ्यता में कला का विकास [DEVELOPMENT OF ART IN INDUS CIVILIZATION]

DEVELOPMENT OF ART IN INDUS CIVILIZATION
सिन्धु सभ्यता में कला का विकास

सिन्धु सभ्यता में कला का विकास [DEVELOPMENT OF ART IN INDUS CIVILIZATION]

सिन्धु सभ्यता के विभिन्न स्थलों के उत्खनन से अनेक मूर्तियाँ, बर्तन, कलश, मुहरें, आभूषण आदि प्राप्त हुए हैं, जिनसे तत्कालीन कला एवं ललित कला के विकास पर पर्याप्त प्रकाश पड़ता है।

(1) स्थापत्य कला- सिन्धु के लोग उच्चकोटि के इंजीनियर थे। विशाल सभ्यता अन्नागार तथा सार्वजनिक स्नानागार बनाना, साधारण कोटि के शिल्पियों का काम नहीं था। उत्खनन में प्राप्त सुनियोजित नगर, भवन, सार्वजनिक स्नानागार व अन्नागार आदि उनकी स्थापत्य कला को प्रमाणित करते हैं।

(2) मूर्तिकला- मूर्तिकला के क्षेत्र में सिन्धुवासियों ने विशेष उन्नति की थी। विभिन्न स्थलों के उत्खनन में मिट्टी, पत्थर और धातु से बनी अनेक मूर्तियाँ प्राप्त हुई हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि सिन्धुवासी मूर्तिकला में अत्यंत दक्ष थे
होता है कि सिन्धुवासी मूर्तिकला में अत्यन्त दक्ष थे। मोहनजोदड़ो से प्राप्त मूर्तियों में बैठे हुए पुरुष की मूर्ति सर्वोत्तम, यह मूर्ति किसी देवता अथवा धार्मिक गुरु की प्रतीत होती है। खुदाई में कांसे की नर्तकी की मूर्ति भी मिली है, यह त्रिभंगी मुद्रा में खड़ी हुई। इन मूर्तियों में सजीवता दृष्टिगोचर होती है और इनमें शरीर के अंगों को स्पष्ट तथा वास्तविक रूप में दर्शाया गया है।

(3) चित्रकला- सिन्धु सभ्यता के लोग चित्रकला से भी परिचित थे। उनकी चित्रकारी के नमूने बर्तनों और खिलौनों
आदि पर देखने को मिलते हैं। इस काल में प्रायः बेल-बूटे, पशु-पक्षी तथा पेड़-पत्तियों के चित्र बनाए जाते थे।

(4) संगीत व नृत्य कला- सिन्धु सभ्यता के लोग नृत्य तथा संगीत कला से भी परिचित थे। खुदाई से प्राप्त नर्तकी की मूर्ति व ढोल-तबले से मिलते-जुलते चित्रों से स्पष्ट है कि इस काल में संगीत एवं है नृत्य कला भी उन्नत अवस्था में थी।
(5) धातु कला- सिन्धु सभ्यता के लोग धातु कला से भी परिचित थे। धातु कला के अन्तर्गत ये लोग सोने, चांदी और ताँबे आदि के आभूषणों का निर्माण करते थे। ये लोग लोहे से परिचित नहीं थे।

(6) मुहर निर्माण कला- सिन्धु सभ्यता के विभिन्न स्थलों की खुदाई में मुहरें बहुतायत में प्राप्त हुई हैं। ये मुहरें लाख, पत्थर और चमड़े आदि पर बनी हुई हैं। इनमें से बहुत सी मुहरों पर सांड, हाथी, बारहसिंगा आदि पशुओं की आकृतियाँ बनी हुई है।

(7) लेखन कला- सिन्धु सभ्यता की खुदाई से प्राप्त वस्तुओं से ज्ञात होता है कि सिंधु सभ्यता के लोगों को लिखने की कला का ज्ञान था । सिन्धु वासियों की लिपि चित्रात्मक थी। इस लिपि के प्रत्येकचित्र से किसी  एक विशेष शब्द बोध है। किन्तु अभी तक इस लिपि को पड़ा नहीं जा सका है।
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