सिन्धु सभ्यता का विनाश
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सिन्धु सभ्यता का विनाश (DESTRUCTION OF INDUS CIVILIZATION)
सिन्धु सभ्यता का विनाश किस प्रकार और कब हुआ ? इस सन्दर्भ में कोई स्पष्ट प्रमाण उपलब्ध नहीं है। अतः अनेक विद्वानों ने कल्पना तथा अनुमान के आधार पर इस सभ्यता के विनाश के कई कारण बताये हैं, जिनका विवरण निम्नांकित है-
(i) बाहरी आक्रमण- अनेक विद्वानों का अनुमान है कि किसी बाहरी जाति के आक्रमणकारियों ने इस सभ्यता का विनाश किया। सिन्धु सभ्यता के निवासी समृद्ध और शान्तिप्रिय थे। उनके नगरों की सुरक्षा समुचित प्रबन्ध नहीं था और न ही उनके पास अच्छे हथियार थे। इसलिए वे बर्बर जातियों के आक्रमण का शिकार हुए होंगे। मोहनजोदड़ो में सड़कों, गलियों तथा आंगन आदि में अनेक अस्थिपंजर मिले। इससे यह निष्कर्ष निकाला गया कि बाहरी लोगों ने उन पर अचानक आक्रमण कर दिया और उनकी हत्या कर दी। किन्तु यह मत उचित प्रतीत नहीं होता, क्योंकि उत्खनन में जो अस्थियाँ प्राप्त हुई हैं,वे एक ही नस्ल की हैं । यदि बाहरी आक्रमण हुआ होता तो आक्रमणकारी भी मारे गये होते, तो उनकी भी अस्थियाँ मिलनी चाहिए थीं ।
(ii) जलवायु परिवर्तन- अनेक विद्वानों का अनुमान है कि जलवायु परिवर्तन के कारण सिन्ध सभ्यता का विनाश हुआ होगा। विद्वानों का मत है कि प्रारम्भ में सिन्धु प्रदेश में वर्षा प्रचुर रूप से होती थी, किन्तु कालान्तर में वर्षा कम होने लगी और धीरे-धीरे प्रदेश रेगिस्तान बन गया। अतः उजाड़ हो गए। नगर विद्वानों के इस अनुमान में कुछ सार प्रतीत होता है,क्योंकि संसार के अनेक क्षेत्रों की जलवायु में तीव्र परिवर्तन हुए, जिससे जो क्षेत्र कभी हरे-भरे थे वे आगे चलकर उजाड़ हो गए थे। यदि सिन्धु सभ्यता में भी कुछ ऐसा ही हुआ हो, तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है।
(iii) बाढ़- कुछ विद्वानों का अनुमान है कि सिन्धु तथा इसकी सहायक नदियों की बाढ़ों ने मोहनजोदड़ो तथा हड़प्पा नगरों का विनाश किया था। यहाँ पर उत्खनन में सिन्धु नदी के वर्तमान तल से इक्कीस मीटर ऊंचाई पर नदी की रेत तथा मिट्टी मिली है। इससे स्पष्ट होता है कि नदियों में बाढ़ का पानी कभी-कभी इक्कीस मीटर तक ऊंचा चढ़ जाता था।
(iv) भूकम्प- कुछ इतिहासकारों का मत है कि सम्भवतः किसी शक्तिशाली भूकम्प के द्वारा इस सभ्यता का विनाश हुआ होगा।
इतिहास- सिन्धु सभ्यता का विनाश (DESTRUCTION OF INDUS CIVILIZATION)
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11:21 AM
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