हिंदी व्याकरण - सामान्य ज्ञान
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हिंदी व्याकरण - सामान्य ज्ञान
(1) मन की उतप्त वेदना, मन ही मन में बहती थी। |
चुप रहकर अन्तर्मन में, कुछ मौन व्यथा कहती थी।। |
दुर्गम पथ पर चलने का वो संबल छूट गया था। |
अविचल, अविकल वह प्राणी, भीतर से टूट गया था।। |
उपर्युक्त काव्य-पंक्तियों में कौन-सा रस अभिव्यंजित हो रहा है ? |
(A)शांत
(B)वियोग श्रृंगार |
(C)करुण |
(D)वत्सल |
Answer- (C) |
(2) वीर रस का स्थायी भाव क्या होता है ? |
(A)रति |
(B)उत्साह |
(C)हास्य |
(D)क्रोध |
Answer- (B) |
(3) किस रस को 'रसराज' कहा जाता है ? |
(A)श्रृंगार रस |
(B)हास्य |
(C)वीर रस |
(D)शांत रस |
Answer- (A) |
(4) संचारी भावों की संख्या है- |
(A) 9 |
(B)33 |
(C)16 |
(D)99 |
Answer- (B) |
(5) भरतमुनि के रससूत्र में निम्नलिखित में से किसका उल्लेख नहीं है ? |
(A)स्थायी भाव |
(B)शांत |
(C)अनुभाव |
(D)व्यभिचारी भाव |
Answer- (B) |
(6) भरत मुनि के अनुसार रसों की संख्या है- |
(A)आठ |
(B)नौ |
(C)दस |
(D)ग्यारह |
Answer- (A) |
(7) बीभत्स रस का स्थायी भाव है- |
(A)भय |
(B)निर्वेद |
(C)शोक |
(D)जुगुप्सा/घृणा |
Answer- (D) |
(8) क्रोध किस रस का स्थायी भाव है- |
(A)बीभत्स |
(B)भयानक |
(C)रौद्र |
(D)वीर |
Answer- (C) |
(9) 'जहँ-तहँ मज्जा माँस रुचिर लखि परत बगारे। |
जित-जित छिटके हाड़, सेत कहुँ, कहुँ रतनारे।।'' |
इस अवतरण में- |
(A)बीभत्स रस |
(B)अदभुत रस |
(C)भयानक रस |
(D)हास्य रस |
Answer- (A) |
(10) ''केसव कहि न जाइ का कहिये। |
देखत तव रचना विचित्र अति समुझि मनहिं मन रहिये।।'' |
इस काव्य-पंक्ति में है- |
(A)रौद्र रस |
(B)शान्त रस |
(C)भयानक रस |
(D)अदभुत रस |
Answer- (D) |
हिंदी व्याकरण - सामान्य ज्ञान 65
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